अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में स्नान करने का है महत्व
अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में स्नान करने का है महत्व Wikimedia
धर्म

अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में स्नान करने का है महत्व, पढ़िए यह रोचक कहानी

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

अहोई अष्टमी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन स्त्रियां व्रत रखती हैं और अहोई माता की पूजा अर्चना करती हैं। लेकिन इस दिन के साथ जुड़ी इस बात को बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस दिन राधा कुंड में स्नान किया जाता है और यदि जानते भी होंगे तो वह राधा कुंड में स्नान करने के पीछे का कारण नहीं जानते। आइए आज हम आपको राधा कुंड में स्नान करने के पीछे के कारण और महत्व के बारे में बताते हैं।

राधा कुंड में स्नान करने के पीछे का कारण:

यह व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है और इसके चलते राधा कुंड का अपना अलग महत्व है। इस कुंड के बारे में एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि नि:संतान दंपत्ति यदि इस कुंड में स्नान कर ले तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। इसी कारणवश अहोई अष्टमी के दिन लोग दूर-दूर से इस कुंड में स्नान करने आते हैं।

एक मान्यता यह भी है कि अहोई अष्टमी पर राधा कुंड में स्नान करना अत्यधिक शुभ होता है। इसीलिए संतान प्राप्ति व संतान की अच्छी सेहत और लंबी आयु के लिए इस कुंड में स्नान किया जाता है।

राधा कुंड में स्नान करने की परंपरा आज से नहीं बल्कि सालों से चली आ रही है। राधा कुंड में स्नान करना बहुत चमत्कारी होता है। ऐसा करने से राधा रानी अत्यधिक प्रसन्न होती है और नि:संतान व्यक्तियों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं।

राधा रानी और श्री कृष्ण

राधा कुंड में स्नान करते वक्त इस कुंड में स्नान करने की विधि का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस विधि का आपको विशेषतः पालन करना चाहिए। जब आप राधा कुंड में स्नान कर रहे हो तो स्नान करते वक्त आपको राधा रानी और श्री कृष्ण का सच्चे मन से स्मरण करना चाहिए और उनसे दुआ करनी चाहिए और साधना पूरी होने के बाद सीताफल का दान अवश्य करें। इस दिन अपनी श्रद्धा अनुसार किसी गरीब बच्चे को कुछ भेंट अवश्य दे।

(PT)

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