तमिलनाडु और केरल में पाम संडे मनाया गया, जानिए क्या हैं खासियत

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प्रभु यीशू

धर्म

तमिलनाडु और केरल में पाम संडे मनाया गया, जानिए क्या है खासियत

पाम संडे समारोह के दौरान रविवार को वेलंकन्नी चर्च में अंग्रेजी, मलयालम, तमिल, तेलुगु और हिंदी में भक्तों के लिए विशेष सेवाएं आयोजित की गईं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी:  ईसाई (Christian) समुदाय ने ईस्टर (Easter) से पहले तमिलनाडु (Tamilnadu) के नागापट्टिनम जिले के वेलनकन्नी में 'आवर लेडी ऑफ गुड हेल्थ (Our Lady of good health)' बेसिलिका में 'पाम संडे (Palm Sunday)' मनाया। वेलंकन्नी दक्षिण भारत (South India) के ईसाइयों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है और अधिकांश भक्त ईस्टर समारोह से पहले वहां पहुंचते हैं।

पाम संडे समारोह के दौरान रविवार को वेलंकन्नी चर्च में अंग्रेजी, मलयालम, तमिल, तेलुगु और हिंदी में भक्तों के लिए विशेष सेवाएं आयोजित की गईं।

पाम संडे को ईस्टर सेलिब्रेशन से पहले लास्ट संडे के रूप में मनाया जाता है।

ईसाइयों का मानना है कि 2000 साल पहले प्रभु यीशू जब यरुशलम पहुंचे थे तब उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग खजूर की डालियां हाथों में लहराते हुए स्वागत के लिए खड़े थे। इस परंपरा को अब दुनिया भर में चलाया जाता है, इसलिए इसे 'पाम संडे' के रूप में मनाया जाता है।

पाम संडे केरल (Kerala) के गिरजाघरों में भी मनाया गया और श्रद्धालु सुबह गिरिजाघरों में पहुंचे। मार कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी ने कोच्चि में प्रार्थना सभाओं का नेतृत्व किया और यीशु मसीह के आदर्शो पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने प्रतिकूल समय में विचलित न होकर मजबूती से डटे रहने को कहा।

--आईएएनएस/PT

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