Phulera Dooj 2024:इस दिन विधिपूर्वक श्री राधा-कृष्ण की पूजा और व्रत करने से वैवाहिक जीवन खुशहाली से भरा रहता है।(Wikimedia Commons) 
धर्म

कब है फुलेरा दूज का पर्व? शुरू हो जायेगी इसी दिन से ब्रज में होली, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

फुलेरा दूज का त्योहार 'वसंत पंचमी' और 'होली' के बीच रंग बिरंगा त्योहार आता है। इसी कारण से, फुलेरा दूज के ज्यादातर त्योहार होली के त्योहार से जुड़े हुए हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Phulera Dooj 2024: पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन श्री राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। फुलेरा दूज के अवसर पर मथुरा में फूलों की होली का आयोजन किया जाता है। फुलेरा दूज का त्योहार 'वसंत पंचमी' और 'होली' के बीच रंग बिरंगा त्योहार आता है। इसी कारण से, फुलेरा दूज के ज्यादातर त्योहार होली के त्योहार से जुड़े हुए हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को फूल लगाते हैं और आशा करते हैं कि होली के जीवंत रंग सभी के जीवन में खुशियां लाएंगे।

इस बार फाल्गुन माह में फुलेरा दूज 12 मार्च को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक श्री राधा-कृष्ण की पूजा और व्रत करने से वैवाहिक जीवन खुशहाली से भरा रहता है। इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है। उत्तर भारत में ज्यादातर शादियाँ ऐसे ही खास दिन पर शुरू होती हैं। यदि कोई नया व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहा है, तो इस दिन से शुरू कर सकते है।

फुलेरा दूज के अवसर पर मथुरा में फूलों की होली का आयोजन किया जाता है। (Wikimedia Commons)

क्या है शुभ मुहूर्त

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 11 मार्च को सुबह 10 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 12 मार्च 2024 को सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। इसी कारण फुलेरा दूज का पर्व 12 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन श्री राधा-कृष्ण की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 32 मिनट से दोपहर 02 बजे तक है।

क्या है पूजा विधि

फुलेरा दूज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत श्री राधा-कृष्ण का नाम लेकर करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करके सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें। श्री राधा-कृष्ण का गंगाजल, दही, जल, दूध और शहद से अभिषेक करें। उन्हें वस्त्र पहनाकर विशेष श्रृंगार करें। इसके बाद उन्हें चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर कर विराजमान करें। उन्हें फूल चढ़ाएं, इसके बाद नैवेद्य, धूप, फल, अक्षत समेत विशेष चीजें अर्पित करें। घी का दीपक जलाकर उनकी आरती और मंत्रों का जाप करें। इसके बाद उन्हें माखन मिश्री, खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। प्रत्येक भोग में तुलसी के पत्ते डालें। मान्यता है कि बिना तुलसी के भगवान श्री कृष्ण भोग स्वीकार नहीं करते हैं। अंत में सभी को प्रसाद बांटें।

डॉ. मुनीश रायज़ादा ने बिजली के बढ़े हुए बिलों के मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए आप सरकार की आलोचना की

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 70 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेगी

कभी रहे खास मित्र, अब लड़ रहे केजरीवाल के खिलाफ चुनाव। कौन हैं मुनीश रायज़ादा?

नई दिल्ली विधानसभा (AC - 40) से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे डा मुनीश रायज़ादा

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने शहर में प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में विफलता के लिए आप सरकार को ठहराया जिम्मेदार।