राधे मां (Radhe Maa) का असली नाम सुखविंदर कौर (Sukhwinder Kaur) है।  (AI)
धर्म

गरीबी से लेकर गुप्ता परिवार तक : राधे मां की रहस्यमयी और विवादों से भरी कहानी

राधे मां (Radhe Maa) की जिंदगी एक साधारण गृहिणी से स्वयंभू देवी बनने तक का सफर है, जिसमें तंत्र-मंत्र, भव्य दरबार, लाल जोड़े की चमक, बॉलीवुड से जुड़ाव और विवादों (Controversy) की लंबी लिस्ट शामिल है। भक्त उन्हें चमत्कारी मानते हैं, जबकि आलोचक धोखेबाज बताते हैं। यही रहस्य (Mystery) उन्हें हमेशा सुर्खियों में रखता है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

भारत में बाबाओं और स्वयंभू धार्मिक गुरुओं की परंपरा नई नहीं है। लेकिन इनमें से कुछ नाम ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने अपने रहस्यमय (Mystery)अंदाज़ और चमत्कारों के दावों से आम लोगों के साथ-साथ मशहूर हस्तियों को भी आकर्षित किया है। इन्हीं में से एक नाम है राधे मां। जो कभी मीडिया की सुर्खियों में छाई रहने वाली यह महिला, असल में पंजाब की साधारण गृहिणी सुखविंदर कौर (Sukhwinder Kaur) थीं। उनका सफर, छोटे से गांव से लेकर मुंबई के आलीशान आश्रम तक और फिर विवादों में घिरे रहने तक, उनके पुरे जीवन की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।

दोरंगला से शुरू हुई यात्रा

राधे मां (Radhe Maa) का असली नाम सुखविंदर कौर (Sukhwinder Kaur) है। उनका जन्म 1965 में पंजाब के गुरदासपुर ज़िले के दोरंगला गांव में हुआ था। गरीबी से जूझते परिवार में सुखविंदर का बचपन बीता। कम उम्र में ही उन्होंने सिलाई-कढ़ाई कर अपने परिवार का सहारा बनने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही 17-18 साल की हुईं, उनकी शादी मोहन सिंह नामक युवक से कर दी गई। मोहन सिंह नौकरी की तलाश में कतर चले गए और सुखविंदर अपने बच्चों के साथ अकेली रह गईं।

यहीं से उनकी जिंदगी ने नया मोड़ ले लिया। अकेलेपन और आर्थिक संघर्ष के बीच उन्होंने धार्मिक आयोजनों में जाना शुरू किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात महंत रामाधीन परमहंस से हुई। उन्होंने छह महीने तक उनको दीक्षा दी और यहीं से सुखविंदर के जीवन बहुत बदलाव आ गया, उनके जीवन में बदलाव के साथ साथ उनका नाम भी बदल कर उनको एक नया नाम मिला राधे मां।

पंजाब के ही कुछ बैरागी संतों के संपर्क में आकर राधे मां ने तंत्र-मंत्र और धार्मिक अनुष्ठानों में गहरी रुचि दिखाई। कहा जाता है कि वह लोगों की परेशानियां दूर करने के लिए तांत्रिक क्रियाएं भी करने लगी थी। यही उनकी ख्याति का आधार बन गया, और इसके बाद धीरे-धीरे लोग उन्हें देवी का अवतार मानने लगे और सत्संग के लिए बुलाने लगे। हालांकि 2003-04 में फगवाड़ा में हिंदू संगठनों ने उनके खिलाफ आवाज उठाई, उनपर आरोप था कि वो खुद को देवी दुर्गा का अवतार बताती हैं। इस मामले पर लोगों ने काफी विरोध किया जब विरोध बढ़ने बढ़ने लगा तो राधे मां ने पंजाब छोड़कर मुंबई का रास्ता चुन लिया।

राधे मां हमेशा अपने लाल जोड़े, सोने के गहनों और भड़कीले श्रृंगार के लिए जानी जाती हैं।

मुंबई का सफर और गुप्ता परिवार

दिल्ली के एक सत्संग में उनकी मुलाकात संजीव गुप्ता से हुई, जो मुंबई के मशहूर "MM मिठाईवाला" परिवार से थे, फिर गुप्ता परिवार को राधे माँ (Radhe Maa) पर विश्‍वास बढ़ा और धीरे-धीरे पूरा गुप्ता परिवार उनका भक्त बन गया और राधे मां उनके ही घर में रहने लगीं। संजीव गुप्ता की कंपनी "ग्लोबल एडवर्टाइज़र" ने मुंबई में हर जगह राधे मां के बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए। इसके बाद उनकी लोकप्रियता अचानक बढ़ गई। उनके भक्तों की सूची में बड़े उद्योगपति, राजनेता और बॉलीवुड सितारे भी जुड़ गए। फिल्म निर्माता सुभाष घई और अभिनेता रवि किशन भी राधे मां के भक्त बताए जाते थे।

राधे मां हमेशा अपने लाल जोड़े, सोने के गहनों और भड़कीले श्रृंगार के लिए जानी जाती हैं। उनके दरबार में बॉलीवुड के गाने बजते हैं और कई बार वो खुद भी नाचती दिखाई देती हैं। यह एक अलग छवि धार्मिक गुरुओं में कम देखने को मिलता है, यही उनकी अलग छवि उनको और भी चर्चा में ले आई। 2012 में उन्हें महामंडलेश्वर बनाने पर भी विवाद हुआ। इसके अलावा कई वीडियो भी सामने आए, जिनमें वो भक्तों के साथ नाचती और अजीब हरकतें करती दिखीं।

2024 की रिपोर्ट्स बताती हैं कि राधे मां आज भी मुंबई के बोरीवली इलाके में बने सिंह हाउस में रहती हैं।

विवादों (Controversy) की लम्बी लिस्ट जिसमें राधे मां के जीवन का सबसे चर्चित हिस्सा उनके खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों और आरोपों से जुड़ा है।

निक्की गुप्ता केस (2015): गुप्ता परिवार की बहू निक्की गुप्ता ने आरोप लगाया कि शादी राधे मां ने ही करवाई थी और बाद में दहेज के लिए ससुराल वालों ने उन्हें प्रताड़ित किया। निक्की का दावा था कि राधे मां उनके साथ नौकर जैसा व्यवहार करती थीं। पुलिस में शिकायत दर्ज हुई लेकिन बाद में मामला खारिज कर दिया गया।

मनमोहन गुप्ता का आरोप: MM मिठाईवाला परिवार के मुखिया मनमोहन गुप्ता ने भी उन पर काले जादू और संपत्ति हड़पने की कोशिश का आरोप लगाया।

डॉली बिंद्रा मामला: अभिनेत्री डॉली बिंद्रा ने आरोप लगाया कि राधे मां ने उन्हें महिला भक्तों के जरिए प्रताड़ित करवाया और उनके सहायक टल्ली बाबा धार्मिक सभाओं में अश्लील हरकतें करते थे।

उसके बाद सुरिंदर मित्तल नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि राधे मां ने उसे फुसलाने की कोशिश की, और फिर गुजरात के कच्छ जिले में एक परिवार की आत्महत्या का आरोप भी राधे मां पर लगाया गया। इन सभी मामलों ने राधे मां को मीडिया की सुर्खियों में ला दिया।

2024 की रिपोर्ट्स बताती हैं कि राधे मां आज भी मुंबई के बोरीवली इलाके में बने सिंह हाउस में रहती हैं। यहां उनका आलीशान दरबार आज भी सजता है सजता है। लाल-सुनहरे कपड़ों और सोने के त्रिशूल के साथ वो भक्तों को दर्शन देती हैं। उनके भक्तों में आज भी कई अमीर और पढ़े-लिखे लोग शामिल हैं। राधे मां का कहना है कि वह आश्रम या मंदिर नहीं बनाएंगी और भक्तों से मिलने वाला चढ़ावा धर्मार्थ कार्य के लिए इस्तेमाल होता है। लेकिन उनके आलोचकों का दावा है कि ये सब दिखावा है और लोगों का मानना है कि उनका असल मकसद गरीब और कमजोर लोगों का शोषण करना है।

आश्चर्य की बात यह है कि तमाम विवादों (Controversy) और आरोपों के बावजूद राधे मां की लोकप्रियता कम नहीं हुई। उनके भक्त मानते हैं कि उन्होंने चमत्कार किए हैं। कुछ का कहना है कि उनकी जिंदगी की बड़ी से बड़ी मुश्किलें उनके आशीर्वाद से खत्म हुईं है। दिल्ली, मुंबई और पंजाब में आज भी उनके दरबारों में सैकड़ों लोग जुटते हैं। कई बार भक्त उनके कहने पर जानवरों जैसी आवाजें निकालते हैं, तो कभी फिल्मी गानों पर झूमते हैं।

आश्चर्य की बात यह है कि तमाम विवादों (Controversy) और आरोपों के बावजूद राधे मां की लोकप्रियता कम नहीं हुई।

राधे मां (Radhe Maa) की कहानी साधारण सुखविंदर कौर (Sukhwinder Kaur) से लेकर विवादों से घिरी एक स्वयंभू देवी बनने तक कि कहानी है। उनके भक्त उन्हें दिव्य शक्ति मानते हैं, जबकि विरोधी उन्हें धोखेबाज कहते हैं। सच क्या है, यह कहना अभी भी मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि राधे मां की मायावी और रहस्यमयी (Mystery) दुनिया ने भारतीय समाज और मीडिया को हमेशा आकर्षित किया है।

इस तरह राधे मां की जिंदगी धर्म, तंत्र-मंत्र, शोहरत, विवाद और भक्तों की अटूट आस्था का मिला-जुला रंग है, यह एक ऐसी कहानी है, जो आज भी लोगों को चकित करती है। [Rh/PS]

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