योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या में रामायणकालीन सभी संरचनाओं और स्थानों को नया स्वरूप देने की योजना बना रही है। राज्य सरकार ने रामायण (Ramayana) युग की संरचनाओं की पहचान करने के लिए जिले के सभी ऐतिहासिक स्थानों का सर्वेक्षण करने के लिए दिल्ली (Delhi) के एक वास्तुकार को नियुक्त किया है। दिल्ली की आर्किटेक्ट अंतरा शर्मा ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ अयोध्या में ऐतिहासिक जल निकायों, मठों और मंदिरों का सर्वेक्षण किया है।
जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक इस सर्वे के दौरान ऐसे 60 से ज्यादा जल निकायों, मंदिरों और मठों की पहचान की गई है। रामायणकालीन संरचनाओं का विवरण एकत्र करने के लिए टीम स्थानीय इतिहासकारों की भी मदद ले रही है।
अयोध्या के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव के मुताबिक सरकार अयोध्या के ऐतिहासिक स्मारकों को संरक्षित करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण के जरिए ऐसे सभी ढांचों की पहचान की जाएगी।
अयोध्या प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण के बाद अयोध्या प्रशासन राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार कार्य करेगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी राम जन्मभूमि (Ram Janambhoomi) परिसर के अंदर 11 ऐतिहासिक संरचनाओं की पहचान की है, जिन्हें उनके मूल रूप में संरक्षित और पुनःस्थपित किया जाएगा।
इन 11 ऐतिहासिक स्थलों में कुबेर टीला, सीता कूप, सीता रसोई और नल, नील, अंगद और सुग्रीव टीला प्रमुख हैं।
कुबेर टीला को हिंदू-मुस्लिम एकता (Hindu Muslim Unity) के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है।
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक इन 11 जगहों का संरक्षण और जीर्णोद्धार किया जाएगा। ट्रस्ट ने इन ढांचों के जीर्णोद्धार के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं लेने का फैसला किया है।
ट्रस्ट के एक सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा, राम जन्मभूमि परिसर में ग्यारह संरचनाओं की पहचान की गई है। उन सभी को उनके मूल रूप में बहाल किया जाएगा। ट्रस्ट उनकी बहाली के लिए विशेषज्ञों की मदद लेगा।
आईएएनएस/PT