<div class="paragraphs"><p>भूलकर न ले जाएं इन जगहों पर रुद्राक्ष (Wikimedia)</p></div>

भूलकर न ले जाएं इन जगहों पर रुद्राक्ष (Wikimedia)

 

रुद्राक्ष (Rudraksha) Rules

धर्म

रुद्राक्ष (Rudraksha) Rules: भूलकर न ले जाएं इन जगहों पर रुद्राक्ष

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

न्यूजग्राम हिंदी: आज के इस लेख में हम आपको रुद्राक्ष (Rudraksha) से जुड़े कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका पालन कर शायद आप किसी अनहोनी या अप्रिय घटना से बच जाएं।

शास्त्रों में विभिन्न ऐसे लाभ बताएं गए हैं जो रुद्राक्ष पहनने से होते हैं। रुद्राक्ष को बेहद ही शुभ माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि रुद्राक्ष कैसे बना हैं?

वास्तव में रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसू से उत्पन्न हुआ है।

रुद्राक्ष को पहनने से पहले आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा। तो आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में जहां पर भूलकर भी रुद्राक्ष को पहनकर नहीं जाना चाहिए।

• श्मशान घाट में भूलकर भी रुद्राक्ष को पहनकर न जाएं।

• यदि आपने रुद्राक्ष धारण कर लिया है तो आपको शराब मांस आदि से दूरी बना देनी चाहिए। ना ही आपको उन जगहों पर जाना चाहिए जहां इनका सेवन हो रहा हो।

• हिंदू धर्म के अनुसार बच्चे के जन्म के बाद पहला एक महीना सौवर का महीना माना जाता है इसीलिए व्यक्ति को कभी भी बच्चे के जन्म के समय रुद्राक्ष पहन कर नहीं जाना चाहिए।

• सोते वक्त हमेशा रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए क्योंकि जब हम सोते हैं तो हमारा शरीर निस्तेज हो जाता है साथ ही सोते वक्त रुद्राक्ष के टूटने का खतरा भी बना रहता है।

यदि आप पहली बार रुद्राक्ष धारण करने जा रहे हैं तो इसे प्रदोष, शिवरात्रि, अमावस्या, पूर्णिमा या श्रावण के सोमवार के दिन धारण कीजिए।

रुद्राक्ष को बेहद ही शुभ माना जाता है

• साथ ही यदि आपकी जन्मकुंडली में आपका सूर्य कमजोर है तो आपको एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

• वहीं दूसरी ओर यदि आपकी जन्मकुंडली में आपका चंद्रमा कमजोर है तो आप दो मुखी रुद्राक्ष धारण कीजिए।

• यदि आप अपनी बुद्धि तीव्र करना चाहते हैं तो 4 मुखी रुद्राक्ष धारण कीजिए साथ ही इसे धारण करने से आपकी वाणी में मिठास भी आएगी।

• यदि कोई व्यक्ति किडनी, डायबिटीज जैसी बीमारी से ग्रसित है तो उसे पांच मुखी रुद्राक्ष धारण कर लेना चाहिए।

• पथरी, नपुंसकता और मूत्र की समस्या से छुटकारा पाने के लिए छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना सर्वश्रेष्ठ है।

• हड्डी के रोग, कमजोरी, लकवा और कैंसर आदि जैसी बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति का सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना फायदेमंद साबित हो सकता है।

• जिस व्यक्ति को बार-बार बुखार आता है या उसे फेफड़े की समस्या है तो उसे 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

PT

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