लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर "वोट चोरी" के आरोप लगाए हैं। (AI)
बिहार

राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ धमाका: चुनाव आयोग पर वोट चोरी का चौंकाने वाला आरोप

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार और चुनाव (Elections) आयोग पर "वोट चोरी" का गंभीर आरोप (Allegations) लगाते हुए कहा कि उनके पास ठोस सबूत (Evidence) हैं और वो जल्द ही "हाइड्रोजन बम' फोड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि मतदाता सूची से कांग्रेस समर्थकों के नाम सुनियोजित तरीके से हटाए गए, जबकि आयोग ने इन आरोपों को निराधार बताया।

Priyanka Singh

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर चुनाव (Elections) आयोग और केंद्र सरकार पर "वोट चोरी" के आरोप (Allegations) लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है। राहुल गांधी ने दावा किया कि उनके पास पक्के सबूत (Evidence) हैं और बहुत जल्द वह "हाइड्रोजन बम" फोड़ेंगे, जिससे यह साबित हो जाएगा कि देश में मतदाता सूची से जानबूझकर नाम हटाए गए हैं।

केरल के वायनाड में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "हमने महादेवपुरा में देखा, हमने आलंद में देखा, इसलिए हमारे पास सबूत हैं कि नरेंद्र मोदी ने वोट चोरी की है। हम एक हाइड्रोजन बम इसलिए भी फोड़ेंगे क्योंकि हमारे पास शत-प्रतिशत प्रूफ हैं।" राहुल का इशारा इस बात की ओर था कि कांग्रेस पार्टी ने मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के सबूत इकट्ठे किए हैं, जिन्हें वह बहुत जल्द जनता के सामने लाने वाले हैं।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सबसे पहले कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। वहां की सूची के बारे में उन्होंने कहा कि हजारों नाम बिना सूचना के हटा दिए गए हैं, और कई ऐसे मोबाइल नंबरों से यह काम हुआ जो कर्नाटक के बाहर के थे।

राहुल गांधी का कहना है कि "सीआईडी इस मामले की जांच कर रही है। उसने चुनाव आयोग से जानकारी मांगी है, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सीबीआई को वह डेटा देने से इनकार कर दिया है।" उन्होंने आगे कहा कि सीआईडी ने चुनाव आयोग को 18 पत्र लिखे, पर आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया। इससे यह संदेह होता है कि मामला कहीं ऊपर से दबाया जा रहा है।

राहुल गांधी ने बताया कि कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र में करीब 6,018 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह काम सुनियोजित तरीके से कांग्रेस समर्थक वोटरों को निशाना बनाकर किया गया है। राहुल गांधी के अनुसार, "हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने नाम हटाए गए, पर यह संख्या 6,000 से कहीं ज्यादा हो सकती है, लेकिन कम नहीं।"

उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा क्षेत्र में ठीक इसके उलट 6,850 नए नाम जोड़े गए, और यह जोड़ भी संदिग्ध प्रक्रिया से हुए हैं। राहुल गांधी का कहना है कि "एक तरफ आलंद में नाम हटाए गए, दूसरी ओर राजुरा में नाम जोड़े गए, यही असली ‘वोट मैनेजमेंट’ है।"

राहुल गांधी ने आरोप (Allegations) लगाया कि चुनाव (Elections) आयोग सत्ता के दबाव में काम कर रहा है, और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आयोग का रवैया जांच से बचने वाला है और वह "वोट चोरी" करने वालों की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि "अगर चुनाव आयोग कुछ छिपा नहीं रहा, तो उसे सीआईडी को सारी जानकारी देनी चाहिए। अगर वह सीआईडी को जानकारी नहीं देता, तो यह साफ हो जाएगा कि ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की मदद कर रहे हैं।"

राहुल गांधी ने बताया कि कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र में करीब 6,018 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इन गंभीर आरोपों (Allegations) के बाद चुनाव आयोग ने सफाई दी है। आयोग के सूत्रों ने कहा है कि राहुल के आरोप "निराधार और गलत" हैं। आयोग का तर्क था कि कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन वोट नहीं हटा सकता। उनका कहना है कि "मतदाता का नाम हटाने से पहले आयोग संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजता है और फिर सुनवाई का मौका देता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है।" आयोग ने यह भी कहा कि राहुल गांधी जनता को गलत संदेश दे रहे हैं, जो देश के चुनावी सिस्टम पर बेवजह सवाल उठाने जैसा है।

राहुल गांधी ने अब अपने दावे को ‘H-Files’ नाम दिया है। उन्होंने नई दिल्ली के इंदिरा भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह "हाइड्रोजन बम" है, जो चुनावी सिस्टम की पोल खोल देगा। राहुल ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में हुई कथित गड़बड़ी के सबूत (Evidence) पेश किए और दावा किया कि बिहार में भी वही पैटर्न अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की तरह बिहार में भी लाखों मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, और कांग्रेस को वोटर लिस्ट बहुत देरी से दी गई थी ताकि वे जांच या आपत्ति दर्ज न करा सकें।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बिहार के विशेष मतदाता पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि मतदाता सूची से पूरे परिवारों के नाम एक साथ हटा दिए गए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने ऐसे कई मतदाताओं को मंच पर बुलाया, जिनके नाम चुनावी सूची से गायब थे। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ कांग्रेस का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र का मुद्दा है। अगर किसी मतदाता को मतदान के दिन पता चले कि उसका नाम सूची में नहीं है, तो वह न्याय किससे मांगेगा ?"

राहुल गांधी का कहना है कि यह स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरा है और इससे आम लोगों का चुनावी अधिकार छिन रहा है। आपको बता दें, राहुल गांधी की टीम अब हरियाणा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की वोटर लिस्ट पर काम कर रही है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी आने वाले हफ्तों में हरियाणा या बनारस की वोटर लिस्ट से जुड़ा "हाइड्रोजन बम" फोड़ सकते हैं।

हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि यह खुलासा बिहार चुनाव के और नजदीक आने पर किया जाएगा। फिलहाल राहुल गांधी महाराष्ट्र की मतदाता सूची में हुई कथित बढ़ोतरी पर बात करने की तैयारी में हैं। उन्होंने पहले भी इस मुद्दे पर सवाल उठाया था कि सिर्फ पांच महीनों में लाखों मतदाताओं की संख्या कैसे बढ़ गई।

राहुल गांधी के इन बयानों से बिहार चुनाव (Elections) का राजनीतिक तापमान पहले से और अधिक बढ़ गया है। कांग्रेस इस लड़ाई को "लोकतंत्र बचाने की लड़ाई" बता रही है, वहीं बीजेपी और एनडीए के नेता इसे "झूठ का प्रचार" कह रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी जानबूझकर चुनावी प्रक्रिया पर संदेह पैदा कर रहे हैं ताकि जनता में भ्रम फैले। जबकि कांग्रेस का कहना है कि यह आंदोलन वोटर अधिकार और संवैधानिक ईमानदारी के लिए है।

राहुल गांधी ने बिहार के विशेष मतदाता पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर भी सवाल उठाए हैं।

निष्कर्ष

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के "हाइड्रोजन बम" वाले बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी है। उनका दावा है कि उनके पास ऐसे सबूत हैं जो यह दिखाते हैं कि देश में चुनावी धांधली हो रही है। जबकि चुनाव आयोग और सत्ता पक्ष इसे पूरी तरह नकार रहे हैं। अब सबकी नजरें राहुल गांधी की अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर हैं, और सबका अब सवाल भी यही है कि क्या वह सच में "H-Files" से कुछ नया सबूत (Evidence) पेश करेंगे या फिर यह केवल राजनीतिक बयानबाज़ी बनकर रह जाएगा।

लेकिन इतना तय है कि एक तरफ "वोट चोरी" और दूसरी तरफ "लोकतंत्र बचाओ" की यह बहस आने वाले दिनों में और तेज़ होने वाली है। [Rh/PS]

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