ASI will again dig in Purana Qila :दिल्ली के पुराने किले में अब तक तीन बार खुदाई हो चुकी है। (Wikimedia Commons) 
दिल्ली

पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ की तलाश में ASI दिल्ली के पुराने किले में करेंगे खुदाई

ASI को आशा है कि इस बार कुछ ठोस सबूत मिल पाएंगे। इस बार खुदाई में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन तकनीकों के द्वारा जमीन में दबे अवशेषों के बारे में पता लगाया जाएगा, जिससे खुदाई करके दिल्ली में इंद्रप्रस्थ ढूंढने में कामयाबी मिल सकती है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

ASI will again dig in Purana Qila : महाभारत काल में पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ दिल्ली के पुराने किले के टीले पर थी या नहीं इसका उत्तर जानने के लिए एक बार फिर से पुराने किले में खुदाई होगी। बताया जा रहा है कि इस बार और गहरी खुदाई करने की योजना बनाई गई है। यहां कई पर्यटक इस पुराने किले को देखने आते हैं। इस खुदाई को लेकर विशेषज्ञों का अनुमान है कि यहां पर शुंग, मौर्य और पूर्व मौर्य काल के साक्ष्य मिल सकते हैं। जल्द ही कुंती मंदिर के पास स्थित इस पुराने किले की खुदाई शुरू करवा दी जाएगी।

यहां पहले भी हो चुकी है खुदाई

दिल्ली के पुराने किले में अब तक तीन बार खुदाई हो चुकी है। इससे पहले यहां 2013-2014, 2017-2018 और 2022-2023 में खुदाई हुई थी। जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI को ढेर सारी संरचनाएं और मिट्टी के बर्तन मिले थे लेकिन ये ठोस प्रमाण नहीं है। ऐसे में इस बार ASI को आशा है कि इस बार कुछ ठोस सबूत मिल पाएंगे। इस बार भी ये खुदाई का काम एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी वसंत स्वर्णकार की जिम्मेदारी हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भी वसंत स्वर्णकार के निर्देशन में तीन बारपुराने किले में खुदाई हुईं थी।

इस बार भी ये खुदाई का काम एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी वसंत स्वर्णकार की जिम्मेदारी हैं। (Wikimedia Commons)

अब अत्याधुनिक तकनीकों का होगा इस्तेमाल

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI इस बार किसी भी तरह से इस रहस्य को सुलझाना चाहती है। बताया जा रहा है कि इस बार खुदाई में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन तकनीकों के द्वारा जमीन में दबे अवशेषों के बारे में पता लगाया जाएगा, जिससे खुदाई करके दिल्ली में इंद्रप्रस्थ ढूंढने में कामयाबी मिल सकती है।

खुदाई से कई प्रकार के मिले बर्तन

अब तक हुईं खुदाई में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को टेराकोटा के खिलौने हासिल हुए हैं। इसके साथ ही उस दौर में काले रंग से डिजाइन किए गए बर्तन मिले हैं। ये बर्तन प्राय: ईसा से 1000 वर्ष पूर्व के बताए जा रहे हैं। ऐसे में इन बर्तनों के यहां होने से पांडवों की राजधानी का पुराने किले में होने का अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि कहा जाता है कि 1400 वर्ष पहले ही दिल्ली को अपनी राजधानी इंद्रप्रस्थ के रूप में बसाया है।

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