इस स्टडी में इस बात पर ख़ास ध्यान दिया गया कि जब लोग किसान, सीईओ और टीवी रिपोर्टर जैसे पेशों के बारे में सर्च करते हैं, तो उन्हें किस जेंडर की तस्वीर ज़्यादा देखने को मिलती है, नतीजे बहुत चौंकाने वाले थे।
तस्वीरों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम था, लेकिन जेंडर के प्रति रूढ़िवादी सोच मज़बूती से दिख रही थी।
प्लंबर, डेवलपर, इंवेस्टमेंट बैंकर और हार्ट सर्जन जैसे पेशों में पुरुषों की तस्वीरें ज़्यादा दिख रही थी। वहीं हाउसकीपर, नर्स, चीयरलीडर, बैले डांसर जैसे पेशों में महिलाओं की तस्वीरें दिख रहीं थी। अब तक ये नतीजे बेहद स्वाभाविक थे, इनमें हैरान करने वाली कोई बात नहीं थी।
संयोग से, एक बार मुझे भी इसी तरह की घटना का सामना 2019 में करना पड़ा था।
हुआ ये था कि मैं अपनी वेबसाइट के लिए तस्वीरों के मुख्य स्रोत गेटी के क्रिएटिव से लैंगिक समानता वाली तस्वीरें खोज रही थी, मैंने पाया कि गेटी क्रिएटिव पर पुरुष डॉक्टरों की तस्वीरें महिला डॉक्टरों की तुलना में तीन गुना ज़्यादा हैं। जबकि अमेरिका में उस दौरान के आंकड़ों में पुरुष डॉक्टरों की तुलना में महिला डॉक्टर के होने की संभावना ज़्यादा थी।
मेडिकल जॉब में दिखाई गई तस्वीरें एक बड़ी समस्या का एक छोटा रूप है, इंटरनेट पर बच्चों के साथ महिलाओं की तस्वीरों के दोगुने ऑप्शन देखने को मिल जाते हैं।
एक अन्य स्टडी में शोधकर्ताओं ने ऑनलाइन दिखने वाली तस्वीरों में जेडर के प्रति पूर्वाग्रह को देखने की जगह यह जानने की कोशिश की कि क्या इन तस्वीरों को देखने से लोगों के अपने पूर्वाग्रहों पर कोई असर पड़ता है।
इस प्रयोग में 423 अमेरिकी लोगों को दो समहूों में बांट दिया गया, इन्होंने अलग-अलग जॉब की खोज करने के लिए गूगल का इस्तेमाल किया।
एक ग्रुप ने गूगल या गूगल न्यूज़ का इस्तेमाल किया तो दूसरे ने गूगल इमेज का इस्तेमाल किया। इसके बाद, सभी लोगों को उनके पूर्वाग्रहों का आकलन करने के लिए एक टेस्ट देने को कहा गया।
जिन लोगों ने गूगल इमेज का इस्तेमाल करके तस्वीरों को खोजा, उनमें गूगल या गूगल समाचार का इस्तेमाल करने वालों की तुलना में बहुत ज़्यादा पूर्वाग्रह देखा गया।
रिसर्चर्स ने लिखा कि इंटरनेट पर तस्वीरों की लोकप्रियता बढ़ने से समाज को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने कहा, "हमें मिले नतीजे काफी चिंताजनक हैं, क्योंकि इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और टिकटॉक जैसी फोटोज़ आधारित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की लोकप्रियता काफी बढ़ रही । जहां बड़े पैमाने पर तस्वीरें अपलोड, तैयार और शेयर की जाती हैं।"
इसी तरह से, गूगल जैसे लोकप्रिय सर्च इंजन भी तस्वीरों का इस्तेमाल ज़्यादा से ज़्यादा करने लगे हैं। उदाहरण के तौर पर जब आप कुछ खोजते हैं, तो आपको अक्सर टेक्स्ट के साथ तस्वीर भी देखने को मिलती है।