लोकेश कुमार को उम्मीद है कि अगर वह ये चुनाव जीत जाते है तो कई और लोगो को नयी दिशा मिलेगी (NewsGram) लोकेश कुमार (मास्टरजी) का साक्षात्कार
दिल्ली

राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के उम्मीदवार लोकेश कुमार (मास्टरजी) का साक्षात्कार

4 दिसंबर को होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

Ritu Singh

4 दिसंबर को होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 

दिल्ली नगर निगम के चुनाव भारतीय जनता पार्टी (BJP), जो वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी में निकाय की बागडोर संभाले हुए है, और आम आदमी पार्टी (AAP), जो दिल्ली की सत्ता संभाले हुए है, इन दोनों के बीच दोतरफा मुकाबले के रूप में आकार ले रहे हैं।

दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए चुनाव 4 दिसंबर को होंगे जबकि मतगणना 7 दिसंबर को होगी

हालांकि दो बड़ी पार्टियों के बीच में निर्दलीय उम्मीदवारों, और छोटी पार्टियों के नाम सुनाई नहीं पड़ते इनके पास कोई बड़ा पैसे का स्रोत नहीं होता कि वह बाकी पार्टियों की तरह प्रचार कर सकें। उनके पास होते हैं तो केवल जनता के मुद्दे मगर अक्सर वह टीवी पर नहीं आते इसलिए न्यूज़ग्राम की टीम ने राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी से उम्मीदवार लोकेश कुमार (मास्टरजी) से साक्षात्कार किया जो वार्ड 150, ग्रीन पार्क से प्रत्याशी है।

लोकेश कुमार (Lokesh Kumar), जोकि कंप्यूटर साइंस के अध्यापक हैं, दिल्ली नगर निगम चुनाव में पहली बार हिस्सा ले रहे हैं। इन्होंने अपना चुनाव चिह्न 'अपना चेहरा' ही रखा है। लोकेश कुमार का मानना है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अच्छे उम्मीदवार, अच्छे चेहरे को वोट मिलना चाहिए न कि पार्टी चिह्न को। अगर अच्छे लोगों को चुना जायेगा तो कई भ्रष्ट पार्टियां और नेता आज गद्दी पर न बैठे होते। वह पार्टी चिह्न को भ्रष्टाचार की मूल जड़ बताते हैं। मास्टरजी के अनुसार आज के वक़्त चुनाव चिह्न केवल टिकट बिक्री का धंधा बन चूका है।

लोकेश कुमार (मास्टरजी)

खुद एक शिक्षक होने के नाते मास्टरजी का झुकाव बच्चो की शिक्षा की ओर भी ज्यादा है। वो कहते हैं कि किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चे में कोई कमी नहीं है। ज़रूरत है केवल उनको सही दिशा देने की। सही दिशा न मिलने से व्यक्ति अपने और समाज के लिए खतरा बन जाता है। वे महसूस करते हैं कि 5 साल में  जितने बच्चे शिक्षित होते हैं उससे कई ज़्यादा बच्चे भ्रष्ट राजनितिक पार्टियों के संपर्क में आकर भटक जाते हैं और उनका भविष्य ख़राब हो जाता है। उन्होंने कहा कि अन्ना आंदोलन से उम्मीद थी कि उससे देश को एक दिशा मिलेगी मगर वह एक पार्टी (आप) तक सीमित रह गयी। डॉ मुनीश रायज़ादा (Munish Raizada) का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अन्ना आंदोलन से जुड़े थे मगर आज वह सब खुद को ठगा महसूस कर रहे है।

सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, और सरदार वल्लभ भाई पटेल को आदर्श मानने वाले लोकेश कुमार TAP मॉडल को अमल में लाना चाहते हैं। TAP यानी पारदर्शिता (transparency), जवाबदेही (accountability), और सह-भागिता (Participation)

इसके अनुसार वह हर महीने वार्ड संसद लगाएंगे, शैडो पार्सल बनाएंगे, और साथ ही नगर निगम हेल्पलाइन की फॉलो अप की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने बताया कि नगर निगम की पहले से हेल्पलाइन है मगर उसके बारे में लोगों को मालूम नहीं है और जिन्हे पता है वे फ़ोन कर भी देते हैं तब भी कोई काम नहीं होता। इसके लिए मास्टरजी ने योजना बनाई है कि अगर किसी की समस्या नहीं सुनी गयी तो लोग सीधे अपनी शिकायत लोकेश जी को बता सकेंगे।

उन्होंने भरोसा दिया है की वे सभी काम पारदर्शी तौर से करेंगे

29 नवंबर को चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश की अवमानना हेतु मास्टरजी द्वारा कश्मीरी गेट (Kashmiri Gate) पर स्थित दिल्ली राज्य चुनाव आयुक्त कार्यालय पर सत्याग्रह भी किया गया था। दरअसल, भाजपा प्रत्याशी मनोज गुप्ता के नामांकन एफिडेविट फ़ार्म में कुछ कालम खाली थे। फिर भी चुनाव आयोग (Election Commission) ने उनका परचा ख़ारिज नहीं किया। इसपर लिखित आपत्ति को दर्ज कराने के बावजूद रिटर्निंग आफिसर नें न तो नामांकन खारिज किया और न ही आपत्ति का निस्तारण किया। इसी को लेकर मास्टरजी ने सत्याग्रह किया था। उसी रात लोकेश कुमार के पार्टी कार्यालय पर हमला हुआ। इस हमले की बात करते हुए मास्टरजी ने कहा कि उन्हें इस हमले पर कोई दुःख नहीं हुआ बल्कि इससे यह नज़र आता है कि वह सही रास्ते पर जा रहे हैं और वह इस तरह के हमलो से नहीं रुकेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि इस मामले को लेकर राज्य चुनाव आयोग के पास भी गए थे। वहां के सचिव ने माना की रिटर्निंग ऑफिसर ने गलत किया है। मास्टरजी ने कहा है कि इसके लिए वह कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल करेंगे।

लोकेश कुमार को उम्मीद है कि अगर वह ये चुनाव जीत जाते हैं तो कई और लोगों को, सामाजिक कार्यकर्ताओं को नयी दिशा मिलेगी। 


Ritu Singh

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