खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2022-23 में जम्मू कश्मीर को मिला पहला स्थान(IANS) 

 
जम्‍मू एवं कश्‍मीर

खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2022-23 में जम्मू कश्मीर को मिला पहला स्थान

एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में जम्मू और कश्मीर ने खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2022-23 में केंद्र शासित प्रदेश श्रेणी के तहत अपनी पहली रैंक बनाए रखी है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में जम्मू और कश्मीर ने खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2022-23 में केंद्र शासित प्रदेश श्रेणी के तहत अपनी पहली रैंक बनाए रखी है। एक आधिकारिक बयान में गुरुवार को कहा गया कि जम्मू-कश्मीर के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने 2021, 2022 और 2023 के लिए लगातार तीसरी बार पुरस्कार प्राप्त किया।

खाद्य सुरक्षा के विभिन्न मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को मापने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा प्रतिवर्ष सूचकांक जारी किया जाता है।

यह पुरस्कार खाद्य सुरक्षा आयुक्त शकील-उल-रहमान ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया से प्राप्त किया।

बयान में कहा गया है, जम्मू और कश्मीर ने देश में 'ईट राइट मेला' जिलों की अधिकतम संख्या के लिए प्रथम पुरस्कार भी जीता है। इन जिलों ने उपभोक्ताओं के बीच स्वस्थ और सुरक्षित भोजन की आदतों को बढ़ावा देने के लिए एफएसएसएआई की विभिन्न पहलों को लागू किया है।



खाद्य सुरक्षा सूचकांक एक गतिशील मात्रात्मक और गुणात्मक बेंचमार्किं ग मॉडल है जो सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा के मूल्यांकन के लिए एक वस्तुनिष्ठ रूपरेखा प्रदान करता है।

एफएसएसएआई ने सांख्यिकीय मूल्यांकन के लिए डेटा प्रस्तुत करने के लिए सभी केंद्र शासित प्रदेशों/राज्यों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों के साथ पत्राचार करके 2022-2023 के लिए राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू की।

महत्वपूर्ण संकेतक जिसके आधार पर मूल्यांकन किया जाता है, उसमें उपभोक्ता सशक्तिकरण के अलावा मानव संसाधन, अनुपालन स्तर, खाद्य परीक्षण अवसंरचना और निगरानी, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण शामिल हैं।

--आईएएनएस/VS

1983 वर्ल्ड कप : जब भारतीय टीम ने दुनिया को दिखाया जीत का असली मतलब

चार दशक बाद आया फैसला, जब आरोपी हो चुका 90 साल का!

नवाब सैफ की विरासत पर खतरा: 15,000 करोड़ की जायदाद पर कानूनी घमासान

शांति और अहिंसा के प्रतीक, फिर भी नोबेल से वंचित! आखिर क्यों नहीं मिला गांधी जी को नोबेल पुरस्कार?

295 पर भी छक्का मारने वाला शेर और निडर बल्लेबाज़ी की मिसाल – सहवाग