आरोप है कि पकड़े गए लोग भारत के विभिन्न प्रदेशों के युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठ रहे थे। जानकारी के मुताबिक, आरोपी कई दिनों से चांडिल के तमोलिया इलाके में सक्रिय थे। वे युवाओं से 30 से 35 हजार रुपये तक वसूलकर उन्हें कथित कंपनी में नौकरी लगाने का वादा करते थे।
पीड़ितों को तमोलिया बुलाकर प्रोडक्ट प्रचार (product promotion) के नाम पर जगह-जगह घुमाया गया, लेकिन न तो उन्हें तनख्वाह दी गई और न ही प्रोडक्ट स्तरीय निकला। गुरुवार सुबह ठगे गए युवकों ने स्थानीय लोगों से मदद मांगी। इसके बाद ग्रामीणों ने चार सुपरवाइजरों को पकड़कर पूछताछ की और इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया।
कपाली ओपी प्रभारी धीरंजन कुमार (Dheeranjan Kumar) ने आरोपियों को हिरासत में लिया है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह ने सैकड़ों युवाओं से अवैध वसूली की है। ठगी के इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड बिहार का लखीसराय निवासी इनामुल हक बताया गया है। भुक्तभोगियों का कहना है कि पैसे लौटाने की मांग करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती थी।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में विस्तृत जांच की जा रही है। कितने युवकों से ठगी हुई है और किन-किन लोगों की संलिप्तता है, इसका पता लगाया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में लोग मौके पर जुट गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि बेरोजगारी का फायदा उठाकर इस तरह के गिरोह लगातार सक्रिय हो रहे हैं और भोले-भाले युवाओं को फंसा रहे हैं।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होने के बाद आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि ठीक 24 घंटे पहले ही जमशेदपुर पुलिस ने ऐसे ही एक फर्जीवाड़े का खुलासा किया था, जिसमें चार जालसाजों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
[IANS/SS]