कर्नाटक (Karnataka) के यादगीर जिला प्रशासन ने दो अलग-अलग मामलों में बच्चों से माता-पिता को संपत्ति वापस करने का आदेश दिया है, क्योंकि बच्चे माता-पिता की देखभाल करने में विफल रहे। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम, 2007 के अनुसार यादगीर के सहायक आयुक्त शाह आलम हुसैन द्वारा आदेश पारित किया गया।
इस संबंध में आवेदन शाहपुर तालुक के शिरवाला गांव के निवासी रवींद्रनाथ हीरेमुत्त और गुरुमाथकल तालुक के धर्मपुरा गांव के शंकरम्मा सबन्ना उदमा द्वारा उप-पंजीयक के कार्यालय में जमा किए गए थे। रवींद्रनाथ ने दावा किया कि उनके बच्चों ने उनकी 10.12 एकड़ जमीन मिलने के बाद भी उनकी देखभाल करने की जहमत नहीं उठाई, जबकि शंकरम्मा ने तर्क दिया कि उनके बच्चों को विरासत में मिली चार एकड़ जमीन उन्हें वापस मिलनी चाहिए क्योंकि उनके बच्चों ने उन्हें छोड़ दिया है।
रवींद्रनाथ विधुर (पत्नी की मौत) हैं जिनके तीन बेटे और एक बेटी है। उन्होंने अपने आवेदन में कहा कि उसने शिरवाला गांव में अपने बच्चों के नाम से जमीन खरीदी है, जो उसे लौटाई जाए। शंकरम्मा ने कहा कि उनके चार बच्चे, जो मुंबई और हैदराबाद में रहते हैं, अब उनकी परवाह नहीं करते।
याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए दावों को सत्यापित करने के लिए जांच करने के बाद, अधिकारियों ने उन संपत्तियों को पीड़ित माता-पिता को वापस कर दिया जो उनके बच्चों के नाम पर पंजीकृत थीं।
आईएएनएस/PT