न्यूजग्राम हिंदी: ईडी की कोर्ट ने रांची (Ranchi) के पूर्व उपायुक्त आईएएस छवि रंजन (Chavi Ranjan) को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। सेना के कब्जे वाली जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री में शामिल रहने के आरोपी छवि रंजन को गुरूवार को लगभग दस घंटे तक पूछताछ के बार गिरफ्तार किया था। अब ईडी उनकी रिमांड के लिए शनिवार को विशेष अदालत से आग्रह करेगी। शुक्रवार को उन्हें ईडी कोर्ट में पेश किया गया और उसके बाद जेल भेज दिया गया।
अदालत में क्लोजिंग डे की वजह से ईडी को छवि रंजन की रिमांड नहीं मिल सकी। छवि रंजन को कोर्ट ले जाने के पूर्व ही ईडी ने छवि रंजन की मेडिकल जांच सदर अस्पताल (Sadar Hospital) के डॉक्टरों की देखरेख में करायी। इस दौरान छवि रंजन का बीपी, शुगर और पल्स सभी सामान्य मिले। उनकी कोविड (Covid) रिपोर्ट भी नेगेटिव आयी है। कोर्ट में पेशी के बाद छवि रंजन जब ईडी की अदालत से बाहर निकल रहे थे तो उनकी आंखों में आंसू थे जो उनके लाख छुपाने की कोशिशों के बाद भी नहीं छुप रहे थे। हालांकि वे सामान्य दिखने की कोशिश कर रहे थे पर चिंता की लकीरें उनके चेहरे पर साफ दिख रही थीं। कड़ी सुरक्षा के बीच ईडी की टीम उन्हें अदालत से रांची के बिरसा मुंडा कारागार लेकर चली गयी।
पहले आईएएस पूजा सिंघल (Pooja Singhal) और अब छवि रंजन के जेल जाने के बाद ऐसी संभावना है कि ईडी जल्द ही साहेबगंज डीसी रामनिवास यादव और आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का पर शिकंजा कस सकती है। आरोप है कि साहेबगंज में करीब 1000 करोड़ रुपये की अवैध माइनिंग की गयी है। इस आरोप में झामुमो नेता पंकज मिश्रा, बच्चू यादव और अन्य आरोपी जेल में बंद हैं। दावा किया जाता है कि इन आरोपियों से रामनिवास यादव की अच्छी बनती थी। वहीं, इस अवैध माइनिंग के खेल में रामनिवास यादव की भी संलिप्तता बतायी जाती है। ऐसे में वे पहले से ही ईडी की राडार पर हैं। उनके बाद दूसरा बड़ा चेहरा राजीव अरुण एक्का हैं। उनपर लाइजनर विशाल चौधरी के कार्यालय में बैठकर सरकारी फाइलों को निपटारे का आरोप है। बाबूलाल मरांडी और भाजपा ने इस बाबत एक वीडियो क्लिप भी ईडी को सौंपा है। जिसके बाद ईडी ने राजीव अरुण एक्का को समन जारी कर उनसे लंबी पूछताछ की थी। अब संभावना है कि ईडी उनपर भी शिकंजा कसे।
मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की कार्रवाई के बाद जेल भेजे गये (IANS)
गौरतलब है कि छवि रंजन के जेल जाने से पहले तीन आईएएस अधिकारी जेल जा चुके हैं। इन अधिकारियों में पूजा सिंघल, एकीकृत बिहार के चारा घोटाले के अभियुक्त सजल चक्रवर्ती और पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार के नाम शामिल हैं। पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार 1.76 करोड़ के मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की कार्रवाई के बाद जेल भेजे गये थे। वहीं सजल चक्रवर्ती चारा घोटाला केस में दोषी पाये गये थे। उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनायी थी जिसके बाद उन्हें जेल भेजा गया था। हालांकि बाद में उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिल गयी थी और वे झारखंड के मुख्य सचिव भी बने थे। वहीं पूजा सिंघल मनरेगा घोटाला मामले में जेल गयी हैं।
--आईएएनएस/PT