India’s Expensive Mango : यह खास आम प्रति नग के हिसाब से बेचा जाता है क्योंकि इस एक आम की कीमत, किलो के भाव से बिकने वाले आमों से कई गुना ज्यादा है। (Wikimedia Commons) 
मध्‍य प्रदेश

भारत का सबसे महंगा आम, पूरे देश में केवल 3 ही पेड़ हैं मौजूद

भारत के इस सबसे महंगे आम की खेती देश के दिल यानी मध्य प्रदेश में होती है। यह आम किलो के भाव नहीं बिकता है। इस वैरायटी के एक आम की कीमत 1,200 रुपये है। यह स्पेशल आम एमपी के अलीराजपुर में उगाया जाता है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

India’s Expensive Mango : गर्मी का मौसम आते ही आम का सीजन शुरू हो गया है इसलिए बाजार में आम की कई वैरायटी आने लगी है। आम एक ऐसा फल है जो लगभग सभी को पसंद होता है और लोग गर्मी के मौसम का इंतजार केवल आम के लिए ही करते हैं। देश और दुनिया में आम की कई किस्में हैं। भारत में मुख्य रूप से अल्फांजो और हापुस सबसे मशहूर और महंगे आम हैं। इसके अलावा, बादाम, दशहरी, तोतापरी और लंगड़ा समेत आम की कई वैरायटी हैं। लेकिन, क्या आप भारत के सबसे महंगे आम के बारे में जानते हैं। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि आम की इस वैरायटी के सिर्फ 3 ही पेड़ हैं इसलिए महंगा होने के साथ-साथ यह दुर्लभ और अनोखा आम भी है। बाजार में जहां आम किलो के भाव बिकते हैं। वहीं, यह खास आम प्रति नग के हिसाब से बेचा जाता है क्योंकि इस एक आम की कीमत, किलो के भाव से बिकने वाले आमों से कई गुना ज्यादा है। आइए जानते हैं भारत के इस महंगे और रसीले आम के बारे में…

एक आम का वजन है 2 किलो

भारत के इस सबसे महंगे आम की खेती देश के दिल यानी मध्य प्रदेश में होती है। यह आम किलो के भाव नहीं बिकता है। इस वैरायटी के एक आम की कीमत 1,200 रुपये है। यह स्पेशल आम एमपी के अलीराजपुर में उगाया जाता है। भोपाल में पिछले साल आयोजित मैंगो फेस्टिवल में आम की कई किस्मों को रखा गया था। इनमें सुंदरजा, चौसा, लंगड़ा, दशहरी, मल्लिका और आम्रपाली आम शामिल थे। इसी प्रदर्शनी में अलीराजपुर में होने वाले नूरजहां आम को भी प्रदर्शनी के लिए रखा गया था। इस आम का वजन 2 किलो है। इस आम का नाम नूरजहां है। यह आम मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश का अनोखा आम है।

आम की इस वैरायटी के सिर्फ 3 ही पेड़ हैं इसलिए महंगा होने के साथ-साथ यह दुर्लभ और अनोखा आम भी है। (Wikimedia Commons)

अफगानिस्तान से आए थे आम के पेड़

नूरजहां आम मध्य प्रदेश के अलावा पूरे देश में कहीं नहीं पाया जाता है। इस आम के उत्पादक रुमाल बघेल ने बताया कि उनके यहां साल में सिर्फ 100 आम की पैदावार होती है। इस आम को खरीदने के लिए मुंबई, दिल्ली सहित कई बड़े शहरों से डिमांड आती है। रुमाल बघेल के अनुसार, नूरजहां आम की पैदावार अफगानिस्तान में हुई थी। वर्ष 1577 से 1645 के दौरान जब इस आम को भारत लाया गया तो मल्लिका नूरजहां के नाम पर इस आम का नाम पड़ा था। इस आम के कुछ पौधों को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर लाया गया था। तब से ही नूरजहां आम की पैदावार यहां होने लगी है। पूरे देश में नूरजहां किस्म के आम के मात्र तीन ही पेड़ बचे हैं।

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