<div class="paragraphs"><p>बागेश्वर बाबा इन दिनों चर्चा में हैं&nbsp;</p></div>

बागेश्वर बाबा इन दिनों चर्चा में हैं 

 

बागेश्वर बाबा (Twitter)

मध्‍य प्रदेश

इन दिनों बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर धीरेंद्र शास्त्री काफ़ी चर्चा में हैं, जानिए उनकी कहानी

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर धीरेंद्र शास्त्री(Dheerendra Shastri) इन दिनों सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा में हैं। उन पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा है। यह आरोप नागपुर के अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने लगाया है। इसके साथ ही उन पर नागपुर में कथा बीच में ही छोड़कर जाने का आरोप लगा है। आइए जानते हैं कौन हैं बागेश्वर बाबा।

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर हैं। इनका जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के पास स्थित गड़ागंज गांव में हुआ था। कृष्ण शास्त्री के दादा जी यहां के प्राचीन मंदिर बागेश्वर धाम की सेवा करते थे। आगे चलकर धीरेंद्र शास्त्री यहीं पर अपना दरबार लगाने लगे।

बागेश्वर बाबा इन दिनों चर्चा में 

बागेश्वर धाम छतरपुर मंदिर में स्थित एक तीर्थ स्थल है जहां बाला जी को समर्पित भगवान का मंदिर है। साल 1986 में इस मंदिर का रिनोवेशन कराया गया। इसके बाद यहां साल 1989 में बब्बा जी सेतु लाल जी महाराज नाम के एक संत ने महायज्ञ कराया। 2012 से यहां पर श्रद्धालुओं की समस्या के निवारण के लिए दरबार लगने लगा।

बागेश्वर बाबा कुछ दिन पहले नागपुर कथा करने के लिए गए थे लेकिन कथा समाप्त होने के दो दिन पहले ही वह लौट आएं। दरअसल नागपुर के अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने उनपर अंध विश्वास फैलाने का आरोप लगाया है। समिति ने उनको चुनौती दी और कहा कि वे नागपुर के मंच पर आए और अपना चमत्कार दिखाएं। संस्थान ने यह भी कहा कि यदि वह ऐसा कर पाते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपए दिए जाएंगे। हालांकि धीरेंद्र शास्त्री ने यह चुनौती स्वीकार नहीं की।

पूछे जाने पर धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया को बताया कि वह 7 दिन की ही कथा कहते हैं। उनका कहना है कि वह किसी से डरते नहीं हैं और यदि किसी को चमत्कार देखना है तो वह बागेश्वर धाम में आए।

इसके साथ ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने धर्मांतरण को लेकर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयान दिया था। कथावाचक का कहना था कि जहां-जहां धर्मांतरण होगा वह वहां रामकथा सुनाने जायेंगे। उन्होंने धर्मांतरण को रोकने का संकल्प लिया है।

उनके इसी बयान से नाराज़ छत्तीसगढ़ आबकारी मंत्री कवासी लखमा(Kawasi Lakhma) ने उनपर सवाल उठाया और कहा कि 'यदि धर्मांतरण हो रहा होगा तो वह राजनीति छोड़ देंगे और आप पंडित का काम छोड़ देना।'

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