Atal Setu Inauguration : मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक का उद्घाटन क‍िये जाने के बाद दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई का सफर अब 2 घंटे से घटकर मात्र 20 मिनट रह जाएगा। (Wikimedia Commons)
Atal Setu Inauguration : मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक का उद्घाटन क‍िये जाने के बाद दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई का सफर अब 2 घंटे से घटकर मात्र 20 मिनट रह जाएगा। (Wikimedia Commons)  
महाराष्‍ट्र

देश का सबसे लंबा समुद्री पुल, 'अटल सेतु' अब दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई जाना हुआ आसान

न्यूज़ग्राम डेस्क

Atal Setu Inauguration : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक का उद्घाटन क‍िये जाने के बाद दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई का सफर अब 2 घंटे से घटकर मात्र 20 मिनट रह जाएगा। इसे अटल सेतु का नाम द‍िया गया है। यह देश का सबसे लंबा समुद्री पुल है जिसकी लंबाई 21.8 किलोमीटर है। यह पुल को बनने में सात साल लगे है। इसको तैयार करने में 17,840 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का खर्च हुआ है। पुल की समुद्र के ऊपर लंबाई करीब 16.5 किमी और जमीन पर करीब 5.5 किमी है।

पुल के शुरू होने के बाद मुंबई के ट्रैफ‍िक स‍िस्‍टम में सुधार की उम्‍मीद है। पुल को पब्‍ल‍िक-प्राइवेट पार्टनरश‍िप के आधार पर बनाया गया है। पुल का संचालन और मेंटीनेंस मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक कॉर्पोरेशन की तरफ से क‍िया जाएगा। पुल शुरू होने से मुंबई से पुणे और गोवा जाने वालों को भी सुविधा होगी।

देश के सबसे लंबे समुद्री पुल का न‍िर्माण लार्सन एंड टूब्रो , आईएचआई इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, देवू इंजीन‍ियर‍िंग एंड कंस्‍ट्रक्‍शन और टाटा प्रोजेक्‍ट ल‍िम‍िटेड ने म‍िलकर तैयार क‍िया है।

पुल की समुद्र के ऊपर लंबाई करीब 16.5 किमी और जमीन पर करीब 5.5 किमी है। (Wikimedia Commons)

अप्रैल 2018 से बनाया जा रहा था

नवी मुंबई की तरफ का पुल तैयार करने का काम देवू इंजीन‍ियर‍िंग और टाटा प्रोजेक्‍ट ल‍िम‍िटेड कर रहे थे। पुल के सेवरी साइड का कंस्‍ट्रक्‍शन और जमीन से जुड़ा काम लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और जापान के आईएचआई इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम्स के एक संघ को सौंपा गया था। पुल का नवी मुंबई वाला हिस्सा देवू-टाटा को सौंपा गया था। जमीन पर काम अप्रैल 2018 में शुरू हुआ। इसका श‍िलान्‍यास 2016 में हुआ लेक‍िन इसका न‍िर्माण 2018 में शुरू हुआ था।

लाइट‍िंग पोल लगवाए गए

पुल के ल‍िए मुंबई मेट्रोपोल‍िटन रीजन डेवलपमेंट अथॉर‍िटी ने नोडल एजेंसी के रूप में काम क‍िया और इस पर प्रोजेक्‍ट प्‍लान‍िंग, फाइनेंस‍िंग और इम्‍पलीमेंटेशन का जिम्मेदारी थी। जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी ने प्रोजेक्‍ट की फंड‍िंग का अहम काम क‍िया। अटल पुल को तैयार करने में कुल 1212 लाइट‍िंग पोल का इस्‍तेमाल क‍िया गया।

अटल पुल को तैयार करने में कुल 1212 लाइट‍िंग पोल का इस्‍तेमाल क‍िया गया। (Wikimedia Commons)

क‍ितना लगेगा टोल?

अगर आप इस पुल से सफर करते हैं तो आपको एक साइड की यात्रा के ल‍िए 250 रुपये का टोल देना होगा। राउंड ट्र‍िप के ल‍िए 375 रुपये का चार्ज है। सरकार का कहना है क‍ि एक साल गुजरने के बाद टोल को लेकर समीक्षा की जाएगी। अभी बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर 85 रुपये और राउंड ट्रिप के ल‍िए 127 रुपये टोल देना होता है। बाइक, ऑटो और ट्रैक्टर चलाना प्रत‍िबंध‍ित रहेगा। इसे बनाने में 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट यूज हुआ है।

किरण राव की फिल्म लापता लेडीज से बच्चे सीखेंगे नैतिक मूल्य

अफ्रीका की एक महिला जो 16 सालों से बिना एक अन्न का दाना लिए गुज़ार रही है अपनी जिदंगी

"दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देना एक गलत मिसाल स्थापित करता है”: डॉ. रायज़ादा

कब है सीता नवमी? इसी दिन धरती से प्रकट हुई थी मां सीता

पहले नर्स हुआ करती थी एयरहोस्टेस, जानिए कौन थी दुनिया की पहली फ्लाइट अटेंडेंट