Women Empowerment : अपनी योग्यता, मेहनत, धैर्य और दृढ़ इच्छा शक्ति से आज इन सबने हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है। बात प्रशासन चलाने की हो या थाना या फिर राजनीति में कदम रखकर समाज की सेवा करने की, सभी क्षेत्रों में नारी ने अपनी प्रतिभा के बल पर सफलता की नई कहानी लिख डाली है। राजस्थान में मुख्य विभागों में भजनलाल सरकार ने महिला आईएएस अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
11 जिलों में, महिला सशक्तिकरण के बढ़ावे के साथ, जयपुर जिले का प्रशासनिक और राजनीतिक ढांचा महिला शक्ति के हाथों में शौपी है। जयपुर संभाग, जयपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्र में प्रशासनिक और राजनीतिक स्तरों पर महिलाओं की बागडोर दी गई है। जयपुर संभागीय आयुक्त, जयपुर नगर निगम ग्रेटर, जयपुर नगर निगम हेरिटेज, जयपुर विकास प्राधिकरण और जयपुर जिला परिषद में महिलाओं के हाथों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता से लेकर विकास और जनता की समस्याओं के समाधान तक की जिम्मेदारियां हैं।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की बात करें तो, डॉक्टर सौम्या गुर्जर मेयर की सीट पर काबिज है तो वहीं अब उनके साथ 2012 बैच की आईएएस अधिकारी रूक्मणि रियार को नगर निगम का कमिश्नर बना दिया गया है। नगर निगम ग्रेटर के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है की किसी महिला अफसर को महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद की जिम्मेदारी दी गई हैं। इसी प्रकार से जयपुर नगर निगम हैरिटेज में मुनेश गुर्जर मेयर की कुर्सी पर हैं।वही जयपुर जिला परिषद में जिला प्रमुख के पद पर रमादेवी चोपड़ा और जिला परिषद सीईओ के पद पर महिला आईएएस अधिकारी डॉक्टर शिल्पा सिंह ने कमान संभाल रखी हैं।
जयपुर विकास प्राधिकरण का इतिहास में दूसरी बार महिला आईएएस मंजू राजपाल को जेडीसी के पद की जिम्मेदारी दी गई हैं। यहां पहले जेडीए सचिव के पद पर नलिनी कठोतिया काम कर रही हैं। जेडीए में इससे पहले जेडीसी की सीट पर 2003 में उषा शर्मा भी रह चुकी हैं जो दिसंबर 2023 में चीफ सेकेट्री के पद से रिटायर हुई।
इसी तरह जयपुर संभागीय आयुक्त के पद पर 2005 बैच की महिला आईएएस डॉक्टर आरूषि ए मलिक है। सभी अपने अपने फील्ड में नई जिम्मेदारियों को संभाल रहे हैं। शहर को सुंदर-स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम ग्रेटर आयुक्त रूक्मिण रियार ने फील्ड में विजिट करना शुरू कर दिया हैं।