न्यूज़ग्राम हिंदी: भीषण गर्मी के बीच बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश में बीयर का उत्पादन 15 से 20 फीसदी तक बढ़ा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में, राज्य में 500 मिलीलीटर बीयर कैन की 60 करोड़ से अधिक इकाइयों की खपत हुई थी और अधिकारियों को इस सीजन में मांग में वृद्धि का भरोसा है।
सोनभद्र में स्थापित होने वाली बीयर बनाने की छठी इकाई ने इस महीने की शुरुआत में घरेलू ब्रांड के उत्पाद को बाजार में उतारा है और यह मौजूदा ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी।
राज्य की पहली बीयर की भठ्ठी 1959 में स्थापित की गई थी, जबकि पांचवीं अगस्त 2015 में स्थापित हुई थी।
विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बीयर कंपनियों ने 162 विभिन्न उत्पाद (330-मिली पिंट, 500-मिली कैन और 650-मिली बोतल) पेश किए हैं।
इनमें से 15 का आयात किया जाता है, जबकि राज्य में विपणन किए जा रहे 96 ब्रांडों को बोतलबंद किया जाता है और अन्य राज्यों में ब्रेअरीज में निर्मित किया जाता है।
शेष 51 ब्रांड उत्तर प्रदेश की छह ब्रेअरीज से हैं।
वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों ने कहा कि बीयर की बिक्री मई से जुलाई के बीच बढ़ेगी।
एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने कहा,पिछले साल, कई बीयर ब्रांड मई के मध्य तक बाजार में उपलब्ध नहीं थे, इसलिए हमने उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य की पांच ब्रेअरीज से संपर्क किया। पांच में से चार अपनी दैनिक क्षमता बढ़ाना चाहते हैं।
सोनभद्र इकाई के बाद, राज्य में एक और बीयर की भठ्ठी बाराबंकी में कुछ महीनों में चालू होने वाली है।
--आईएएनएस/VS