हाईटेक सुरंग केदारनाथ हाईवे को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ेगी (IANS) भूमि पूजन के साथ सुरंग का काम शुरू
उत्तराखंड

हाईटेक सुरंग केदारनाथ हाईवे को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ेगी

एनएच लोनिवि के ईई राजवीर चौहान ने बताया कि भूमि पूजन के साथ सुरंग का काम शुरू कर दिया गया है। ढाई साल के भीतर इस कार्य को पूरा कर दिया जाएगा।

न्यूज़ग्राम डेस्क

 चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) को सुविधाजनक बनाने के लिए बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसी कड़ी में एक अच्छी खबर रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) से आई है। यहां केदारनाथ हाईवे (Kedarnath Highway) को बदरीनाथ हाईवे (Badrinath Highway) से जोड़ने वाली 900 मीटर लंबी सुरंग (Tunnel) के निर्माण का काम शुरू हो गया है। एनएच लोनिवि ने भूमि पूजन के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। परियोजना पर 1 अरब 56 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस बजट से सुरंग बनाने के साथ ही अलकनंदा नदी (Alaknanda River) पर पुल भी बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट पूरा होने पर शहर को भारी वाहनों के भार से राहत मिलेगी। इतना ही नहीं, आने वाले ढाई साल के भीतर रुद्रप्रयाग नगर में एक और सुरंग बनाई जाएगी। एनएच लोनिवि के ईई राजवीर चौहान ने बताया कि भूमि पूजन के साथ सुरंग का काम शुरू कर दिया गया है। ढाई साल के भीतर इस कार्य को पूरा कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी को भी जिम्मेदारी दी गई है। डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से नगर को एक ओर जाम से छुटकारा मिलेगा, वहीं चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। अभी शहर के हाल बेहद खराब हैं, चारधाम यात्रा के दौरान जाम की समस्या और बढ़ जाती है। इन तमाम परेशानियों को देखते हुए केदारनाथ हाईवे को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने के लिए सुरंग बनाई जा रही है। सुरंग को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने के लिए अलकनंदा नदी पर 190 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से रुद्रप्रयाग और चमोली के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। शहर को जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।

आईएएनएस/PT

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी