चीन में मनाया जाता है सर्दी आगमन दिवस (IANS) चीनियों के लिए पूर्वजों की पूजा करने का समय
Zara Hat Ke

चीन में मनाया जाता है सर्दी आगमन दिवस जानिए इसकी खासियत

चीन (China) में उसे सर्दी आगमन दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन चीनियों के लिए पूर्वजों की पूजा करने का समय भी होता है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

22 दिसंबर को विंटर सोलस्टिस (Winter Solstice) है। उस दिन सूर्य बिल्कुल मकर रेखा (Tropic of Capricorn) पर होता है। उत्तरी गोलार्ध के विभिन्न क्षेत्रों में दिन सबसे छोटा और रात सब से लंबी होती है। चीन (China) में उसे सर्दी-आगमन दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन चीनियों के लिए पूर्वजों की पूजा करने का समय भी होता है।

चीन में सर्दी-आगमन दिवस का स्रोत तीन हजार वर्ष के पहले इन और चो राजवंश में हुआ। उस समय सर्दी-आगमन दिवस के पहले का दिन एक साल का अंतिम दिन निर्धारित था। सर्दी-आगमन दिवस तो नये साल के रूप में देखा जाता था। दो हजार वर्ष के पहले हान राजवंश में आगमन दिवस चीन में एक सरकारी दिवस बन गया। सरकार रस्म आयोजित कर सर्दी के त्योहार को मनाती थी और आधिकारिक छुट्टियां भी होती थीं। सभी सरकारी या वाणिज्यिक गतिविधियां बंद होती थीं और रिश्तेदार व दोस्त आपस में स्वादिष्ट खाना बांटते थे। एक हजार या नौ सौ वर्ष के पहले थांग और सुंग राजवंश में सर्दी-आगमन दिवस में गगन और पूर्वज की पूजा अर्चना की परंपरा शुरू हुई। उस दिन सम्राट अकसर उपनगर जाकर गगन को श्रद्धांजलि अर्पित करते थे ,जबकि आम लोग अपने पूर्वजों को याद करते थे। चीन में अब तक एक मुहावरा प्रचलित है कि जो सर्दी-आगमन दिवस में घर वापस नहीं जाता है, उसके पूर्वज का पता नहीं होता।

आधुनिक काल में सर्दी-आगमन दिवस चीन में एक लोकप्रिय गैर सरकारी दिवस बना है। उस दिन दक्षिण चीन के लोग अकसर मछली, चिकन, बत्तख और सुअर के मांस खाना पसंद करते हैं, जबकि राजधानी पेइचिंग समेत उत्तर चीन के लोग परंपरागत खाना च्याओत्स खाते हैं। कहा जाता है कि प्राचीन समय में चांग चोंग जिंग नामक मशहूर डॉक्टर सर्दी-आगमन के दिन में लोगों की स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पौष्टिक और स्वादिष्ट च्याओत्स बनाकर गरीब लोगों के बीच प्रसाद बांटते थे। उन की याद के लिए लोग उस दिन च्याओत्स बनाकर खाते हैं।

चीन में एक लोकप्रिय गैर सरकारी दिवस

सर्दी-आगमन दिवस से चीन सब से शीत काल में दाखिल होता है। चीनियों के विचार में 81 दिन के बाद ही सर्दी चली जाती है। 81 दिन को फिर नौ भागों में बांटा जाता है यानी हरेक नौ दिन एक विशेष काल होता है। कहा जाता है कि पहले व दूसरे नवें दिन सर्दी के कारण मकान के बाहर हाथ नहीं निकाल सकते। तीसरे व चौथे नवें दिन में बर्फ तेजी से जमती है। उस समय सब से सर्दी लगती है। पांचवें व छठे नौवें दिन में विलो पेड़ की कोंपल नजर आती है। सातवें नवें दिन में जमा नदी पिघलने लगती है और आठवें नवें दिन में प्रवासी पक्ष अबाबील दक्षिण से उत्तर की ओर आती हैं। नौवें नौ दिन के बाद खेती कार्य फिर शुरू होता है। पर सर्दी-आगमन दिवस इन 81 दिनों का पहला दिन होता है।


आईएएनएस/PT

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