अफ्रीका (African) के एक राजा का वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इस वीडियो में राजा अपनी रानियों, बच्चों और नौकरों के साथ आलीशान अंदाज़ में दिखाई दे रहा था। यह वीडियो था एस्वातिनी (Eswatini) के राजा मस्वाती (Mswati) तृतीय (King Mswati III) का, जिनकी शाही (Royal) ज़िंदगी और आम जनता की बदहाल हालत के बीच का अंतर पूरी दुनिया को चौंका रहा है।
राजा मस्वाती तृतीय अफ्रीकी देश एस्वातिनी (पहले स्वाज़ीलैंड) के शासक हैं और दुनिया के अंतिम जीवित पूर्ण राजशाहियों में से एक हैं। वो 1986 में महज़ 18 साल की उम्र में ही राजा बन गए थे। आज, लगभग 57 साल की उम्र में, वो न केवल अफ्रीका के सबसे अमीर राजाओं में गिने जाते हैं बल्कि अपनी 15 पत्नियों, 30 बच्चों और करोड़ों डॉलर की संपत्ति के लिए भी जाने जाते हैं।
उनकी हाल की अबू धाबी (UAE) यात्रा के दौरान जब वो अपने निजी विमान से उतरे, तो नज़ारा किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था। उनके साथ उनकी रानियाँ, बच्चे और लगभग 100 नौकर मौजूद थे। सुरक्षा के कारणों से तीन एयरपोर्ट टर्मिनल तक बंद करने पड़े, और सोशल मीडिया पर लोग उनकी शाही ठाठ देखकर हैरान रह गए और सवाल उठाने लगे की जब राजा इतना अमीर है, तो उसका देश इतना गरीब क्यों है ?
एस्वातिनी की आबादी करीब 1.2 मिलियन यानि की 12 लाख है, लेकिन इनमें से आधे से ज़्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिता रहे हैं। विश्व बैंक की रिपोर्ट साल 2025 के मुताबिक, देश की 55% आबादी रोज़ाना लगभग ₹350 से भी कम पर गुज़ारा करती है। आपको बता दें देश में बेरोज़गारी दर बहुत ऊँची है,15 से 25 वर्ष के युवाओं में 56% युवाओं के पास कोई नौकरी नहीं है। यह दुनिया के सबसे असमान आय वितरण वाले देशों में से एक है, जहाँ शाही परिवार की दौलत आम नागरिकों तक नहीं पहुँचती।
राजा मस्वाती (Mswati) तृतीय अपने पिता राजा सोभुज़ा द्वितीय की परंपराओं को आगे बढ़ाते हैं, उनके पिता की 70 पत्नियाँ और 210 बच्चे थे। स्वाज़ी समाज में एक पुरानी परंपरा है जिसे रीड डांस (Reed Dance) या उम्हलांगा (Umhlanga) कहा जाता है। यह एक वार्षिक उत्सव होता है जिसमें हजारों कुंवारी लड़कियाँ हिस्सा लेती हैं, और इन्हीं में से राजा अपनी अगली रानी चुनता है। यह परंपरा अब वैश्विक आलोचना का विषय बन चुकी है। 2024 में राजा मस्वाती ने अपनी 14वीं पत्नी, 19 वर्षीय सिफ़ेले माशवामा, को इसी नृत्य समारोह में चुना था।
राजा की कई पत्नियों ने उनकी शाही ज़िंदगी के पीछे छिपे दर्दनाक सच को उजागर किया है। उनकी छठी पत्नी, टिंट्सवालो न्गोबेनी, अत्याचारों से तंग आकर ब्रिटेन भाग गईं, क्योंकि उन्होंने बताया कि यहां रानियों को अपनी इच्छा से कुछ करने की आज़ादी नहीं होती है। वो केवल साल में एक बार अमेरिका जाकर "शॉपिंग अलाउंस" खर्च कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि "महल की ज़िंदगी दिखने में खूबसूरत है, लेकिन असल में सोने के पिंजरे जैसी है।"
आपको बता दें राजा मस्वाती (Mswati) तृतीय अफ्रीका के सबसे अमीर राजाओं में चौथे स्थान पर हैं, और उनकी कुल संपत्ति का अनुमान 300 मिलियन डॉलर (करीब ₹2500 करोड़) से ज़्यादा है। Forbes पत्रिका ने उन्हें 2014 में "अफ्रीका के टॉप 5 अमीर राजाओं" की सूची में रखा था। इसके बाद उनके पास कई लग्ज़री कारें, निजी जेट, और विशाल महल हैं। उन्हें 44वें जन्मदिन पर उन्हें DC - 9 प्राइवेट जेट उपहार में मिला था, जिससे वो अपनी पत्नियों और बच्चों के साथ यात्रा करते हैं।
राजा मस्वाती (Mswati) तृतीय पर कई विवाद भी हैं। सबसे चर्चित विवाद है ला महलंगु (LaMahlangu) मामला। 2002 में 18 वर्षीय ज़ेना महलंगु को दो लोगों ने अगवा कर लिया था। बाद में उसकी माँ को पता चला कि ज़ेना को लुडज़िडज़िनी रॉयल विलेज ले जाया गया है, जहाँ रीड डांस होता है। ज़ेना को वहाँ राजा की पत्नी बनने के लिए लाया गया था। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को झकझोर दिया है।
उसके बाद 2018 में राजा मस्वाती (Mswati) तृतीय ने देश का नाम "स्वाज़ीलैंड" से "एस्वातिनी" कर दिया। उन्होंने कहा कि यह देश की स्वतंत्रता के 50 साल पूरे होने की याद में किया गया है। लेकिन आलोचकों का कहना है कि नाम बदलने से देश की हालत नहीं बदली। गरीबी, बेरोज़गारी और असमानता आज भी जस की तस ही है।
निष्कर्ष
राजा मस्वाती (Mswati) तृतीय की ज़िंदगी किसी परीकथा जैसी लगती है, क्योकि निजी विमान, दर्जनों नौकर, महल, रानियाँ और अरबों की संपत्ति। लेकिन इसी शाही जीवन के साये में एस्वातिनी की आम जनता भूख, बेरोज़गारी और असमानता से जूझ रही है।
दुनिया के इस छोटे से देश में शाही महल की चमक और गरीब झोपड़ियों का अंधेरा एक साथ दिखाई देता है, जहाँ राजा के पास सब कुछ है, लेकिन प्रजा के पास रोटी भी नहीं। [Rh/PS]