संयुक्त राष्ट्र (United Nations) शरणार्थी एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगर बाढ़ जारी रही, तो साल के अंत तक लगभग 4,00,000 लोग विस्थापित हो सकते हैं, जो 2024 में देखे गए स्तर से कहीं ज्यादा होगा।
दक्षिण सूडान (South Sudan) में यूएनएचसीआर की प्रतिनिधि मैरी-हेलेन वर्ने ने एक बयान में कहा, "अतिरिक्त धन के बिना, बाढ़ से पहले से ही तबाह लोगों को आश्रय, सुरक्षा और स्वच्छ पानी प्रदान करना एक चुनौती से कम नहीं होगा।"
एजेंसी ने कहा कि दक्षिण सूडान भीषण बाढ़ के एक नए चक्र में फंस गया है।
हाल के हफ्तों में बढ़ते जलस्तर ने जोंगलेई, अपर नाइल और यूनिटी राज्यों के विशाल क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया है, जिससे एक लाख लोग विस्थापित हुए हैं। वर्ने ने कहा, इनमें से कई लोग फरवरी में दोबारा शुरू हुए संघर्ष के कारण अपने घरों से भागने को मजबूर हुए थे।
वर्ने ने कहा, "यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पलायन को मजबूर लोगों की स्थिति चिंताजनक है और वे अब तक 2022 में आए विनाशकारी बाढ़ के परिणामों को झेल रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि सितंबर और अक्टूबर के बीच स्थिति और ज्यादा बदतर होगी, जिससे पूरे समुदायों के अलग-थलग पड़ने, भुखमरी बढ़ने और विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के लिए खतरा बढ़ेगा। यूएनएचसीआर के अनुसार, घर, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी असर पड़ा है। कृषि भूमि और चारागाह जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ में लोगों को पशुधन का भी नुकसान हुआ है।
दक्षिण सूडान अफ्रीका (Africa) में सबसे बड़े विस्थापन संकटों में से एक बना हुआ है, जहां लगभग 2.4 मिलियन दक्षिण सूडानी शरणार्थी पड़ोसी देशों में हैं, अनुमानतः दो मिलियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हैं, और देश में 589,000 से अधिक शरणार्थी हैं।
(BA)