Year Ender 2022: सोलो ट्रैवलिंग का ट्रेंड, जानिए किस स्थान पर किया लोगों ने सोलो ट्रैवल

लोग घूमना तो चाहते थे लेकिन कई तरह की आर्थिक और सामाजिक कारणों से उनके साथ सफर करने के लिए बहुत लोग नहीं थे ऐसे में उन्होंने अकेले घूमने का विकल्प ही सही समझा।
सोलो ट्रैवलिंग का ट्रेंड, जानिए किस स्थान पर किया लोगों ने सोलो ट्रैवल (Wikimedia)
सोलो ट्रैवलिंग का ट्रेंड, जानिए किस स्थान पर किया लोगों ने सोलो ट्रैवल (Wikimedia)Year Ender 2022

कुछ वर्षों से चल रहे कोरोना (Corona) काल के संक्रमण के डर और तनाव से शांति पाने के लिए लोगों को घूमना ही सबसे बेहतर विकल्प लगा। लेकिन ट्रैवलिंग के क्षेत्र में इस दौरान जो सबसे बड़ा बदलाव आया वह है कि सोलो ट्रैवलिंग (Solo Travelling) का ट्रेंड बढ़ गया।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दुनिया भर के कई देशों ने कई तरह की पाबंदियां लगा दी थी। कई देशों में तो लॉकडाउन लगा हुआ था और वहीं दूसरी ओर वर्क फ्रॉम होम (work-from-home) के कल्चर को बढ़ावा मिल रहा था। कोरोना काल में लोग घर में कैद होने को मजबूर हो गए थे। वर्ष 2022 की शुरुआत में जब भारत में एक बार फिर से लॉकडाउन जैसी स्थिति आ गई थी जब अचानक से कोरोना के मामले बढ़ने लगे थे। लोग फिर से घर में कैद रहने को मजबूर हो गए थे। लेकिन जब यह लॉकडाउन खुला लोग अपने पुराने जीवन में लौटने लगे।

वहीं इस कैद में लोगों को तनाव ने घेर लिया था। जैसे ही इस कैद से छुटकारा मिला तो लोगों ने घूमना सबसे बेहतर विकल्प समझा और वह बड़ी संख्या में यात्रा पर निकल पड़े पर्यटन स्थल पर फिर से सैलानियों का जमावड़ा दिखने लगा। लेकिन इस बार जो अलग था वह था कि लोग सोलो ट्रैवल कर रहे थे। लोग घूमना तो चाहते थे लेकिन कई तरह की आर्थिक और सामाजिक कारणों से उनके साथ सफर करने के लिए बहुत लोग नहीं थे ऐसे में उन्होंने अकेले घूमने का विकल्प ही सही समझा।

सोलो ट्रैवलिंग का ट्रेंड, जानिए किस स्थान पर किया लोगों ने सोलो ट्रैवल (Wikimedia)
Vastu Tip: अगर आप भी करते हैं ये काम तो तुरंत छोड़िए, भारी कीमत चुकानी पड़ सकती हैं

सोलो ट्रैवलिंग क्या है?

इस शब्द से तात्पर्य है कि अकेले सफर पर निकल जाना। आमतौर पर आपने लोगों को अपने पार्टनर या परिवार के लोगों के साथ घूमते हुए देखा होगा लेकिन सोलो ट्रैवलिंग में लोग अकेले ही घूमने या सैर पर निकल जाते हैं।

सोलो ट्रैवलिंग बढ़ने के कारण

• लॉकडाउन के दौरान जब लोग घरों में बंद थे तो वह पूरे वक्त परिवार के साथ ही रहते थे। ऐसे में उन्होंने कुछ समय अकेले में बिताना बेहतर समझा और मन की शांति के लिए वह लोग बिना परिवार के सफर पर निकल पड़े।

• इसका एक आर्थिक कारण भी है लॉकडाउन के दौरान सभी आर्थिक रूप से एक हद तक कमजोर हो गए थे। ऐसे में सोलो ट्रैवलिंग ग्रुप ट्रैवलिंग की तुलना में सस्ती पड़ रही थी। इसीलिए लोग सोलो ट्रैवलिंग पर निकल पड़े।

• लॉकडाउन के बाद अचानक से दफ्तर और कार्यस्थल खुल गए थे ऐसे में सबको एक साथ छुट्टी मिलना मुमकिन नहीं था।

• लॉकडाउन के दौरान भले ही लोग आपस में मिल नहीं पा रहे थे लेकिन वह सोशल मीडिया के माध्यम से इतना ज्यादा कनेक्ट हो गए थे कि वह दोस्तों, मित्रों और परिवार से एक ब्रेक चाहते थे।

सोलो ट्रैवलिंग का असर
सोलो ट्रैवलिंग का असरWikimedia

सोलो ट्रैवलिंग का असर

• इसका एक सबसे बड़ा असर यह हुआ कि जहां पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ देखने को मिलती थी वहीं पर कम भीड़ पहुंचने लगी।

• लोगों ने अकेले घूमने के लिए ऐसे माध्यमों को चुना जो सिर्फ अकेले इंसान के लिए ही उपयुक्त हो जिससे पर्यटन स्थल में स्कूटी, बाइक किराए पर अधिक संख्या में मिलने लगी।

• इस तरह की ट्रैवलिंग में कम पैसा लगता है और सफर के दौरान ठहरने के लिए ऐसे स्थानों की जरूरत नहीं होती थी जो उन्हें ग्रुप या परिवार के साथ ठहरने के लिए होती थी।

(PT)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com