![गुजरात के हिंदू अल्पसंख्यकों को बजरंग दल हनुमान चालीसा पाठ के लिए लाउडस्पीकर दान करेगा । [Twitter]](https://gumlet.assettype.com/newsgram-hindi%2Fimport%2F2022%2F04%2F130420221649851718.jpeg?auto=format%2Ccompress&fit=max)
दिन में दो बार हनुमान चालीसा का पाठ हो सके , इसके लिए गुजरात के सूरत में बजरंग दल (bajrang dal) ने उन सभी जगहों पर लाउडस्पीकर दान करने का फैसला किया है जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं। दरअसल बजरंग दाल ने दिन में दो बार हनुमान चालीसा के पाठ पर एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया है , जिसके तहत यह फैसला लिया गया है।
मौजूदा समय में सूरत में 21 ऐसे इलाके हैं जहां लाउडस्पीकर पर दिन में दो बार हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। बजरंग दाल की अब कोशिश रहेगी की इस संख्या को और बढ़ाया जाए।
बजरंग दल (bajrang dal) के राहुल शर्मा ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा , "आने वाले दिनों में, ऐसे और क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। उन इलाकों में ऐसे पॉकेट हैं जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं। वहां भी, बजरंग दल ने एम्पलीफायरों और टाइमर सेट के साथ स्पीकर दान करने का फैसला किया है ताकि हनुमान चालीसा दिन में दो बार अपने आप बज सके।"
राहुल ने आगे कहा कि कुछ क्षेत्र जहां हिंदू अल्पसंख्यक बन गए हैं, जैसे आजाद नगर के कुछ हिस्से, हमेशा हिंदू अल्पसंख्यक क्षेत्र नहीं थे। जनसांख्यिकी परिवर्तन पिछले कुछ वर्षों में हुआ है। इन इलाकों में हिन्दुओं के अल्पसंख्यक होने का कारण बताते हुए शर्मा ने कहा, "इन इलाकों में निचली जाति के लोग रहते थे। ये लोग आए और उन्हें यह बताकर हिंदुओं के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश की कि कैसे दलित हिंदू नहीं हैं और धीरे-धीरे यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल हो जाता है। हमने उन्हें आश्वस्त करने के लिए इसे अपने ऊपर ले लिया है कि वे उतने ही हिंदू हैं। "
बजरंग दल द्वारा उठाए गए इस कदम का परिणाम सूरत के अलावा गुजरात के दुसरे इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। [twitter]
बजरंग दल के शर्मा ने बताया कि सूरत के वेसु इलाके में कुछ मुस्लिम युवक आकर हंगामा करते थे। इस मुद्दे पर बजरंग दल (bajrang dal) द्वारा उठाए गए क़दमों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा , "हमने क्षेत्र में हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया और अब उपद्रव कम है। भूत पिशाच निकत नहीं आवे, महाबीर जब नाम सुनावे। "
बता दें की जब सबसे पहले बजरंग दल ने लोगों के सामने उनके इलाके में लाउडस्पीकर लगाने का यह प्रस्ताव रखा , तब लोगों ने इसका विरोध किया था। हालांकि , अब लोगों ने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा के पाठ को पूरे मन से अपना लिया है।
आपको जानकार ख़ुशी होगी की इस साल की शुरुआत से, सूरत के निवासियों ने दिन में दो बार हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया है। सूरत निवासियों का मानना है कि हनुमान चालीसा और साप्ताहिक सत्संग खेलने से सकारात्मकता फैलाने के साथ-साथ धर्म के बारे में जागरूकता पैदा होती है।
बजरंग दल (bajrang dal) द्वारा उठाए गए इस कदम का परिणाम सूरत के अलावा गुजरात के दुसरे इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। गुजरात के अन्य हिस्सों में भी लोगों ने हनुमान चालीसा पाठ को अपनाया है। श्री साईनाथ युवक मंडल जैसे स्थानीय हिंदुत्व समूहों के अलावा, दुर्गा वाहिनी और मातृ शक्ति का महिला समूह भी हनुमान जी के इस पाठ में सम्मिलित होता है।
भारत में हमेशा से अज़ान लाउडस्पीकर पर दिन में पांच बार बजाया जाता है ,जबकि इस्लामी देश फज्र (सुबह) की नमाज के लिए अजान के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग नहीं करते हैं, या केवल आंतरिक स्पीकर का उपयोग करते हैं। जहां खुद इस्लामी देश अजान के लिए लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल बंद कर रहे , वहीं भारत में अज़ान के लिए लाउडस्पीकरों के उपयोग पर किसी भी तरह के टिप्पणी को 'कट्टरता' और 'इस्लामोफोबिया' का नाम दे दिया जाता है।
Source : Opindia ; Edited By: Manisha Singh