“अगर इस्लामाबाद में मंदिर बना, तो मैं उन हिंदुओं को चुन चुन के मारुंगा”

एक पिता अपने 5 साल से भी कम उम्र के बेटे से ये कहलवाते हुए नज़र आ रहा है की, अगर इस्लामाबाद में मंदिर बना तो चुन चुन कर हिंदुओं को मारा जाएगा।(Image: Twitter)
एक पिता अपने 5 साल से भी कम उम्र के बेटे से ये कहलवाते हुए नज़र आ रहा है की, अगर इस्लामाबाद में मंदिर बना तो चुन चुन कर हिंदुओं को मारा जाएगा।(Image: Twitter)
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कट्टर इस्लामिक ताक़तों ने एक बार फिर, पाकिस्तान की अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के धार्मिक मामलों में टाँग अड़ा दी है। हाल ही में, पाकिस्तान की राजधानी, इस्लामाबाद में अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए, 1947 के बँटवारे के बाद पहले मंदिर के निर्माण की शुरुआत हुई थी, जिसे अब कैपिटल डवलपमेंट अथॉरिटी(CDA) द्वारा रोक दिया गया है। 

जानकारी के मुताबिक, इस्लामाबाद अथॉरिटी ने अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के लिए 20,000 स्क्वायर फीट ज़मीन आवंटित किया था, ताकि उस पर मंदिर का निर्माण किया जा सके। इस निर्माण की ज़िम्मेदारी, इस्लामाबाद के 'हिन्दू पंचायत' ने उठा रखी थी, जिसने आदेश मिलने पर घेराबंदी का काम भी शुरू कर दिया था। लेकिन पाकिस्तान के इस्लामिक कट्टरपंथियों ने इस निर्माण का पुरज़ोर तरीके से विरोध करना शुरू कर दिया, जिसके बाद मंदिर परिसर की घेराबंदी के लिए बनाई गयी दीवार को कट्टरपंथियों द्वारा गिरा दिया गया है। 

मंदिर के खिलाफ हो रहे विरोध को देखते हुए, इमरान खान की सरकार ने कैपिटल डवलपमेंट अथॉरिटी(CDA) के ज़रिए, मंदिर निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगवा दिया है। और इसके साथ ही पाकिस्तान की इस्लामिक आइडियोलॉजी काउंसिल (IIC) से इस मसले पर सलाह भी मांगी है। 

पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदुओं से जुड़े मसलों में पाकिस्तान सरकार की नाकामी का इतिहास पुराना है। हालांकि, कट्टरपंथी इस्लामिक ताक़तों के सामने झुकने के अलावा पाकिस्तानी सरकार के पास और कोई चारा भी नहीं है। लेकिन मंदिर निर्माण के विरोध में उठ रहे सुरों में जिस तरीके की नफरत देखी जा रही है उससे पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर होने वाली क्रूरता के पीछे की वजह साफ होती नज़र आ रही है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे एक पिता अपने 5 साल से भी कम उम्र के बेटे से ये कहलवाते हुए नज़र आ रहा है की, अगर इस्लामाबाद में मंदिर बना तो चुन चुन कर हिंदुओं को मारा जाएगा। देखें-

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