गुरुग्राम में मुस्लिमों ने फिर पढ़ा खुले में नमाज

गुरुग्राम में जहां मुस्लिमों ने किया खुद मना, वहां फिर पहुंची नमाजियों की भीड़। [twitter]
गुरुग्राम में जहां मुस्लिमों ने किया खुद मना, वहां फिर पहुंची नमाजियों की भीड़। [twitter]
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गुरुग्राम (Gurugram) में खुले में नमाज (Namaz) पढ़ने पर विवाद अभी तक शांत नहीं हुआ है। पिछले शुक्रवार (3 दिसंबर 2021) को हुए इतने विरोध के बावजूद भी आज (10 दिसंबर 2021) फिर मुसलमानों ने खुले में ही नमाज पढ़ी। हिन्दुओं ने भी इसका विरोध जारी रखा। आज कई जगह पर जहां मुस्लिम खुले में नमाज़ पढ़ते थे, हिन्दू युवाओं ने वहां ट्रक आदि गाड़ियां खड़ी कर दी और 'जय श्री राम' के नारे लगाए।

ऑपइंडिया के पास कुछ वीडियोज आई हैं, जिसमें शुक्रवार की नमाज खुले में अदा करने के लिए मुस्लिम समूह के लोग हिंदुओं से बहस कर रहे हैं। इस वीडियो से पता चल रहा है कि ये सेक्टर 44 की है। जहां हिंदू कह रहे हैं, "हमारे धर्म में लिखा है कि गोवर्धन पूजा पर सब इकट्ठा होकर उसे मनाएंगे, लेकिन हम फिर भी ये नहीं करते हैं, तुम भी जगह लो और वहां बैठकर नमाज पढ़ो।" वहीं मुस्लिम संगठनों का कहना है कि प्रशासन से बात कर रहे हैं, अगर जगह मिल गई तो पढ़ेंगे। अन्य लोग पूछ रहे हैं कि प्रशासन कहां से जगह ले आएगा।

एक वीडियो सेक्टर थाना 29 की है। इस वीडियो को बनाने वाला व्यक्ति बता रहा है कि मना करने के बावजूद मुस्लिम समुदाय के लोग खुले में नमाज (Namaz) पढ़ रहे हैं और पुलिस वहां मौजूद है। वीडियो में दिख रहा है कि नमाज सड़क के बिलकुल ऊपर पढ़ी जा रही थी।

अगली वीडियो में मुस्लिम नमाज की तैयारी करते हुए बीच सड़क पर दिखे। इसी तरह सेक्टर 44 में चल रही नमाज की तैयारी पर सामने आई वीडियो में बताया जा रहा है कि प्रशासन ने मौके से पहुंच कर सभी लोगों को अलग कर दिया है। साथ ही वहां मौजूद हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच 100 मीटर का फासला रखा गया है।

एक वीडियो सेक्टर 37 की है। इसमें CDS जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) को श्रद्धांजलि देते हुए एक युवक ने बताया कि उस इलाके में नमाज नहीं पढ़ने दी गई है। नाकाबंदी करके उन्हें रोका गया है। वहीं अन्य वीडियो में संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने मौके पर पहुंच कर नमाजियों को समझाने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि नमाज अदा करने के लिए प्वाइंट बदल दिया गया है। ऐसे में उन लोगों पर केस भी हो सकता है। उन पर समुदाय के लोगों को समझाने का दारोमदार है इसलिए वह समझाने आए हैं।

बता दें कि कई जगह पर आपसी सहमति से नमाज (Namaz) पढ़ने से मना होने के बावजूद भी मुस्लिम समुदाय के लोग भीड़ लेकर उसी जगह नमाज पढ़ने बैठे। इससे पहले मुस्लिम एकता मंच ने सभी 37 जगहों (जिन्हें 2018 में चिन्हित किया गया था) पर नमाज पढ़ने का ऐलान किया था।

Source: Opindia ; Edited by: Manisha Singh

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