कारगिल और लेह में रोजगार का जरिया बनी खादी

खादी उत्पादन ने हज़ारों लोगों को रोज़गार का अवसर दिया हैं। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)
खादी उत्पादन ने हज़ारों लोगों को रोज़गार का अवसर दिया हैं। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)

खादी और ग्रामोद्योग आयोग(केवाइसी) की ओर से कारगिल और लेह में रोजगार पैदा करने में सफलता मिली है। पिछले साढ़े तीन वर्षों के भीतर केवीआईसी ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत करीब एक हजार छोटी और मध्यम स्तर की मैन्युफैक्च रिंग यूनिट स्थापित की हैं। इससे 82 सौ से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। इन इकाइयों ने 2017-18 से 32.35 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी जारी की है। लेह और कारगिर में सीमेंट ब्लॉकों से लेकर लोहे और स्टील की वस्तुओं के मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल मरम्मत वर्कशॉप, टेलरिंग इकाईयां, लकड़ी का फर्नीचर निर्माण इकाईयां, लकड़ी पर नक्काशी की इकाईयां, साइबर कैफे, ब्यूटी पार्लर और सोने के आभूषणों के निर्माण आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें केवीआईसी ने सहायता प्रदान की है। इससे स्थानीय लोगों को आजीविका में मदद मिली है। कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद केवीआईसी ने कारगिल में 26 और लेह में 24 नई परियोजनाएं स्थापित करने में मदद की, जिससे इन दोनों क्षेत्रों में 350 नौकरियों के अवसर उपलब्ध हुए।

दरअसल, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत केवीआईसी एक नोडल कार्यान्वयन एजेंसी है। 2017-18 से 30 सितंबर 2020 तक केवीआईसी ने कारगिल में 802 परियोजनाएं और लेह में 191 परियोजनाएं स्थापित की हैं। जिसमें कारगिल में 6,781 और लेह में 1421 रोजगारों का सृजन हुआ। केवीआईसी ने कारगिल में इन परियोजनाओं के लिए मार्जिन मनी के रूप में 26.67 करोड़ रुपये का वितरण किया, जबकि इसी अवधि के दौरान लेह क्षेत्र में 5.68 करोड़ रुपये का वितरण किया गया।

केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि, "प्रधानमंत्री मोदी के नजरिए के कारण चुनौतीपूर्ण कारगिल और लेह में रोजगार में वृद्धि हो सकी है। इस क्षेत्र में पूरे साल में केवल छह महीने तक ही संपर्क स्थापित हो पाता है। कारगिल और लेह ने विभिन्न विनिर्माण गतिविधियों को बनाए रखने की अपार क्षमता दिखाई है। लेह और कारगिल देश के बाकी हिस्सों से लगभग छह महीने तक कटा रहता है। हालांकि, ये इकाइयां इन क्षेत्रों में पूरे वर्ष सामानों की स्थानीय उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी।(आईएएनएस)

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