जानिए दिल्ली में किस तरह ‘स्मॉग’ पहुंचा सकता है आंखों को नुकसान

स्मॉग की वजह से आंखे जलने लगती हैं और उनमें लालपन आ जाता है। (Unsplash)
स्मॉग की वजह से आंखे जलने लगती हैं और उनमें लालपन आ जाता है। (Unsplash)

सर्दी हमें गर्म और पसीने वाले दिनों से राहत देती है, लेकिन यह स्वास्थ्य समस्याओं में भी अधिकता लाती है, खासकर हमारी आंखों के लिए, क्योंकि शांत और ठंडा मौसम हवा में प्रदूषण को भारी बनाता है। और चिंता की बात यह है कि हर साल स्मॉग की गंभीरता राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ती जा रही है।

स्मॉग से लोगों को काफी परेशानी हो रही है इतना ही नहीं आंखों के लिए भी स्मॉग काफी नुकसान दायक है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जिस हवा में हम सांस लेते हैं, वह जहरीले प्रदूषकों और अप्रिय गैसों की एक परत के साथ बह रही है।

वास्तव में, वायु प्रदूषण पर कुछ अध्ययनों से पता चला है कि एनसीआर में हवा की गुणवत्ता एक दिन में 40-50 सिगरेट पीने के बराबर ही खराब है। वायु प्रदूषण का यह चरम स्तर, 'स्मॉग' के रूप में न केवल हमारे श्वसन और हृदय प्रणालियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह हमारी आंखों को भी नुकसान पहुंचा रहा है।

सुबह के वक्त सैर पर जाने वाले लोगों की आंखों में भी समस्या दिखने लगी है। ऐसे में आंखों के डॉक्टरों के अनुसार सुबह की सैर से बचना चाहिए क्योंकि हवा में प्रदूषकों के छोटे कण और जहरीली गैसें उसकी जलन, लालिमा और आंखों में पानी जैसी समस्याओं का कारण बन रही हैं।

दिल्ली के मालवीय नगर में स्थित आंखों के डॉ. ए के सिंह ने आईएएनएस को बताया, "स्मॉग की वजह से आंखे जलने लगती हैं। आंखों में लालपन आ जाता है। दिखने में भी समस्या आने लगती है, जिसकी वजह से लैपटॉप और फोन चलाने में दिक्कत आने लगती है।"

"ऐसी समस्या से बचने के लिए एक समय के अंतराल में आंखों को धोते रहे। बार बार नहीं धो सकते तो कहीं बाहर से आने के बाद अपनी आंखों में पानी डाल लें।

राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में स्मॉग की गंभीरता बढ़ती जा रही है। (Unsplash)

शार्प साईट आई अस्पताल के डॉ. शांतनु मुखर्जी ने आईएएनएस को बताया, "यह अभी शुरूआत है, दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता और बिगड़ने वाली है। किसानों द्वारा पराली की आग, पत्तियों के जलने, और कचरे के ढेर के साथ-साथ गैर-विषैले जहरीले वाहनों से होने वाले प्रदूषण का साथ देकर, दिल्ली की खतरनाक वायु गुणवत्ता को और खराब कर देगा।"

उन्होंने बताया, "इन प्रदूषकों का स्वास्थ्य प्रभाव अस्थमा से लेकर कैंसर, स्ट्रोक और अल्जाइमर की बीमारी तक हो सकता है, लेकिन इससे हमारी आंखों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।"

दरअसल बच्चों में स्मॉग की वजह से ज्यादा परेशानी हो रही है। आंखों से पानी, आंखों का लाल होना, जलन वा खुजली और ड्राई आईज, आदि समस्या सामने आ रही है।

गुडगांव स्थ्ति मैक्स अस्पताल की डॉ पारुल शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "हाल ही या दिनों में आंखों में सूखापन, ऐलर्जी और इंफेक्शन की समस्या ज्यादा बढ़ गई है। इससे बचने के लिए आंखों को आर ओ के पानी से धोते रहें। वहीं बाहर निकलते वक्त चश्मा जरूर पहने, आंखों में जो लोग लैंस लगाते हैं उसका प्रयोग कम करें। वहीं लैपटॉप आदि स्क्रीन पर लोग वर्तमान में ज्यादा समय दे रहे हैं। जिसकी वजह से भी समस्याएं आ रही हैं।"

"प्रदूषण में इस तरह की और समस्या बढ़ गई है। स्क्रीन का इस्तेमाल करते वक्त 10 मिनट के बाद अपनी आंखों को 10 सेकेंड के लिए बंद करते रहें। इससे आंखों को फायदा होगा। आंखों के डॉक्टरों के अनुसार आंखों में जलन या लालिमा होने की स्थिति में उन्हें रगड़ें नहीं। आगे किसी भी संक्रमण को रोकने के लिए अपनी आंखों को ठंडे पानी से धोएं। वहीं हर दिन कम से कम 2 लीटर पानी पिएं। बाहर कदम जाने पर यूवी संरक्षित धूप का चश्मा पहनें। साथ ही आंखों में खुजली या लालिमा होने पर कांटेक्ट लेंस और आई मेकअप से बचें।" (आईएएनएस)

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