माराडोना की जर्सी बेचने वाली खबर पर स्टीव हॉज ने दिया जवाब

अर्जेंटीना के स्वर्गीय फुटबालर डिएगो माराडोना। (Wikimedia Commons)
अर्जेंटीना के स्वर्गीय फुटबालर डिएगो माराडोना। (Wikimedia Commons)
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इंग्लैंड के पूर्व मिडफील्डर स्टीव हॉज ने कहा है कि अर्जेंटीना के स्वर्गीय फुटबालर डिएगो माराडोना की 1986 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहनकर खेली गई जर्सी बिक्री के लिए नहीं है। माराडोना का हाल में निधन हो गया था और उनके निधन के बाद ऐसी अफवाहें थी कि हॉज उनकी जर्सी को बेचना चाहते हैं।

58 साल के हॉज ने मेक्सिको सिटी के एजटेका स्टेडियम में खेले गए 1986 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल के बाद माराडोना के साथ उस जर्सी की अदला बदली की थी, जिसे पहनकर माराडोना मैच में खेले थे। यह जर्सी अब मैनचेस्टर के नेशनल फुटबाल म्यूजियम में है।

हॉज ने बीबीसी रेडियो नॉटिंघम से कहा, " मेरे पास यह 34 वर्षों से है और मैंने कभी इसे बेचने की कोशिश नहीं की। मुझे यह पसंद है। इसका अविश्वसनीय भावुक मूल्य है। मैंने अपने दरवाजे पर लोगों को नॉन-स्टॉप और हर टीवी और रेडियो स्टेशन और यहां तक कि विदेशी स्टेशनों पर लगातार इसके बारे में बात की है।"

अर्जेंटीना के स्वर्गीय फुटबालर डिएगो माराडोना ने यह जर्सी 1986 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहनकर खेली थी। (Facebook)

माराडोना की ताबूत को अर्जेंटीना के झंडे और फुटबॉल जर्सी में लपेटा गया था, जिसपर 10-नंबर लिखा था। माराडोना जब तक फुटबाल खेले उन्होंने 10 नंबर की जर्सी ही पहनी थी।

उन्होंने कहा, "यह असुविधाजनक और अच्छा नहीं है। मैंने इंटरनेट पर लेख देखे हैं, जिसमें यह कहा जा रहा है कि मैं इस जर्सी को एक या दो मिलियन में बेचना चाहता हूं और पैसे के लिए इधर-उधर चक्कर लगा रहा हूं। मुझे यह पूरी तरह से अपमानजनक और गलत लगता है। यह बिक्री के लिए नहीं है। मैं इसे बेचने की कोशिश नहीं कर रहा हूं।"

अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए – Spending Long Time On Phone Is Not Related To Poor Mental Health

1986 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना के चिर प्रतिद्वंदी इंग्लैंड के खिलाफ माराडोना ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था, उसने उन्हें अपने देश में अमर बना दिया था और फुटबाल के इतिहास में भी।

'हैंड्स ऑफ गॉड' गोल के चार मिनट बाद माराडोना ने मिडफील्ड से 60 यार्ड से भागते हुए इंग्लैंड के छह खिलाड़ियों को छकाया था और फिर गोलकीपर पीटर शिल्टन को मात देते हुए गोल किया था। इस गोल को बाद में 'गोल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया था। उन्होंने 10 सेकेंड में यह गोल किया था और खिलाड़ी हैरान रह गए थे।

अपनी कप्तानी में 1986 में अर्जेंटीना को विश्व कप जिताने वाले माराडोना ने उस टूर्नामेंट में पांच गोल किए थे।(आईएएनएस)

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