6 देवताओं के मंदिर होंगे राम जन्मभूमि परिसर में

राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या उत्तर प्रदेश।
राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या उत्तर प्रदेश।
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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ बनाया जा रहा है। इसी बीच यह भी खबर है कि रामजन्मभूमि परिसर में केवल भगवान श्रीराम के ही दर्शन नहीं होंगे। बल्कि यहां आने पर भक्तजनो को 6 अन्य देवी-देवाओं के दर्शन करने का लाभ भी हो सकेगा । राम मंदिर निर्माण समिति द्वारा तैयार आखिरी ब्लू प्रिंट के अनुसार, राम मंदिर परिसर में छह अन्य मंदिर भी बनाये जायेंगे। यह मंदिर सूर्य, देव गणेश भगवान , शिव भगवान , दुर्गा माता , विष्णु देव और ब्रह्मा देव को समर्पित होंगे । इस प्रकार अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में छह अलग-अलग देवताओं के लिए समर्पित मंदिर होंगे।

इसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा, "देवताओं के ये छह मंदिर राम मंदिर की बाहरी हिस्से के साथ-साथ परिसर के अंदर बन कर तैयार होंगे। भगवान रामचंद्र की पूजा के साथ-साथ इन देवताओं की पूजा हिंदू धर्म में भी बहुत महत्वपूर्ण है।" हिंदु धर्म में सभी देवी देवता पूजनीय है । उन्होंने कहा कि राम मंदिर की नींव का निर्माण जोरों पर है और इसके अक्टूबर के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह तक पूरा होने की उम्मीद है।
राम मंदिर के सुपर स्ट्रक्च र के बेस (प्लिंथ) का निर्माण अक्टूबर के अंत से या नवंबर के पहले सप्ताह से नींव भरने के पूरा होने के बाद शुरू होगा।
मंदिर परिसर में चार अलग-अलग स्थानों पर मंदिर की संरचना में पत्थरों की ऑन-साइट सेटिंग के लिए चार टावर क्रेन लगाए जाएंगे।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि 1,20,000 वर्ग फुट और 50 फुट गहरे खोदे गए है और नींव क्षेत्र को अक्टूबर के अंत तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है।

अयोध्या में भगवान श्रीराम के अलावा 6 अन्य देवी-देवाओं के दर्शन करने का लाभ भी होगा।(wikimedia commons)

उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट ने नींव को समुद्र तल से 107 मीटर ऊपर लाने के लिए नींव क्षेत्र पर चार अतिरिक्त परतें बनाने का फैसला किया है।
पहले जिस फाउंडेशन में इंजीनियर फिल मैटेरियल की 44 लेयर का इस्तेमाल होता था, उसे अब बढ़ाकर 48 लेयर कर दिया गया है।
नींव भरने का काम पूरा होने के बाद फिर से सात फुट के राफ्ट की ढलाई की जाएगी।

आप को बता दे कि यह कास्टिंग कंक्रीट से की जाएगी जिसमें सीमेंट का भी इस्तेमाल किया जाएगा। अभी तक सीमेंट का उपयोग इंजीनियर्ड फील्ड सामग्री में नहीं किया जा रहा था, बल्कि पत्थर की धूल और फ्लाई ऐश का उपयोग किया जा रहा था।(आईएएनएस-PS)

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