भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को कहा कि चुनौतियों के बावजूद, भारतीय बैंकिंग क्षेत्र लचीला रहा है और विभिन्न प्रदर्शन मानकों में सुधार हुआ है। हालांकि, साथ ही उन्होंने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से कहा कि वह उभरती व्यापक आर्थिक स्थिति पर नजर रखें और बैलेंस शीट पर उनके प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता जोखिमों को कम करने के लिए आवश्यक उपाय करें।
दास ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्षों के साथ एक समीक्षा बैठक के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें आरबीआई (RBI) के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि उन्होंने महामारी (pandemic) के प्रकोप और चल रहे वित्तीय बाजार में उथल-पुथल के बाद से पूरे समय में आर्थिक विकास का समर्थन करने में वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Banks) द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया।
बैठक में अन्य मामलों के अलावा, क्रेडिट ग्रोथ (credit growth), एसेट क्वालिटी, आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर (IT infrastructure) में निवेश, नए जमाने के टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस को अपनाने और डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (Digital Banking Units) के कामकाज को अपनाने के साथ-साथ डिपॉजिट ग्रोथ से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
आईएएनएस/RS