वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) सोमवार से परंपरागत बजट पूर्व बैठकों की शुरुआत करेंगी। इस बार बजट का फोकस क्लाइमेट चेंज और इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) से जुड़े मुद्दों पर रहने की संभावना है। 21 नवंबर को सीतारमण द्वारा उद्योग मंडलों, बुनियादी ढांचा क्षेत्र और पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ तीन समूहों में 2023-24 के बजट बनाने के लिए हितधारकों से सुझाव मांगने के लिए बैठकें आयोजित की जाएंगी।
इसके अगले दिन वह 22 नवंबर को मंत्री कृषि और कृषि प्रसंस्करण उद्योग, वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार के प्रतिनिधियों से मिलेंगे।
इसके बाद वह 24 नवंबर को स्वास्थ्य (Health), शिक्षा (education), जल और स्वच्छता सहित सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों के अलावा सेवा क्षेत्र और व्यापार निकायों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगी।
ट्रेड यूनियन (Trade Union) प्रतिनिधियों और अर्थशास्त्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक 28 नवंबर को होनी है।
भारत (India) ने 2070 तक कार्बन का शुद्ध शून्य उत्सर्जक बनने का संकल्प लिया है इसलिए यह माना जा रहा है की 2023-24 के बजट में जलवायु परिवर्तन (Climate Change) प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक होगा।
अगले वर्ष के बजट में उच्च मुद्रास्फीति (Inflation), मांग में वृद्धि, रोजगार (employment) सृजन और अर्थव्यवस्था (economy) को निरंतर 8 प्रतिशत से अधिक विकास पथ पर लाने के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करना होगा।
यह मोदी 2.0 सरकार और सीतारमण का पांचवां बजट होगा और अप्रैल-मई 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट होगा।
RS