

उनका फिल्मी सफर लगभग सात दशकों तक का रहा और उन्होंने दमदार अभिनय के चलते लोगों के बीच अलग छाप छोड़ी। उनकी जिंदगी केवल अभिनय तक सीमित नहीं थी, वह फिल्मों के तकनीकी और निर्देशन पक्ष में भी रुचि रखते थे। उनकी 24वीं पुण्यतिथि पर प्रसार भारती आर्काइव्स ने एक पुराना इंटरव्यू पोस्ट किया, जिसमें अशोक कुमार (Ashok Kumar) ने अपनी शुरुआती जिंदगी और फिल्मी दुनिया में कदम रखने की कहानी साझा की।
प्रसार भारती आर्काइव्स ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो में अशोक कुमार कहते दिखे कि शुरुआत में उनका असली सपना अभिनेता बनने का नहीं बल्कि निर्देशक बनने का था। वह जर्मनी जाकर फिल्म (Film) निर्देशन सीखना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने एक सीनियर व्यक्ति से सिफारिश पत्र मांगा।
वीडियो में उन्होंने कहा, ''मैं उनके पास गया और कहा कि मुझे निर्देशन सीखने जर्मनी जाना है। लेकिन सीनियर व्यक्ति ने कहा कि विदेश में कोई भी मुझे फिल्म निर्देशन नहीं सिखाएगा। इसके बजाय उन्होंने सुझाव दिया कि इंडस्ट्री में रहकर ही यह सब सीखा जा सकता है।''
अशोक कुमार ने कहा, ''उस समय फिल्म इंडस्ट्री में पढ़े-लिखे लोग बहुत कम आते थे और अगर आते भी थे तो उन्हें स्वीकार नहीं किया जाता था। मेरा मानना था कि फिल्मों में शिक्षित लोगों की जगह होनी चाहिए। इसके लिए मैंने खुद प्रयास किया और तय किया कि वह इंडस्ट्री में पढ़े-लिखे लोगों की भूमिका बढ़ाएंगे और सबको सीखने का मौका देंगे।''
उन्होंने बताया कि वे शुरुआत में केवल तकनीशियन के रूप में आए थे। उन्हें एक्टिंग करने में, खासकर रोमांटिक सीन करने में, काफी झिझक होती थी। उन्होंने कहा, "मैंने निर्देशक से आग्रह किया कि अगर रोमांटिक सीन शूट करना है तो वह दूरी से हो, क्योंकि इस पर मेरे माता-पिता नाराज हो सकते हैं। लेकिन निर्देशक ने समझाया कि ऐसा करने से सीन असली नहीं लगेगा। अंततः मैंने निर्देशक की बात मानी और एक्टिंग करना शुरू किया।"
वीडियो में अशोक कुमार कहते हैं, ''मेरी पहली फिल्म 'जीवन' सुपरहिट रही। इसके बाद लगातार सात फिल्में सफल रहीं और मुझे हिंदी सिनेमा में एक मजबूत पहचान मिली।''
अशोक कुमार ने न केवल अभिनय बल्कि फिल्मों की तकनीकी और नैतिक मूल्यों में भी योगदान दिया।
[AK]