इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म हक़: शाह बानो के संघर्ष से प्रेरित एक सशक्त कहानी !

7 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी फिल्म “हक़” (Haq), जिसमें इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) और यामी गौतम (Yami Gautam) मुख्य भूमिकाओं में हैं, यह फिल्म भारत के इतिहास के एक चर्चित और विवादित मुक़दमे से प्रेरित है।
इस तस्वीर में इमरान हासमी और यामी गौतम है
7 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी फिल्म “हक़” (Haq), जिसमें इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) और यामी गौतम (Yami Gautam) मुख्य भूमिकाओं में हैं। Ai
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Summary
  • शाह बानो केस से प्रेरित है यह फिल्म।

  • इस फिल्म में इमरान हाशमी और यामी गौतम ने मुख्य भूमिका निभाया है।

  • इस फिल्म को ले कर इमरान हाशमी ने बताया कि यह फिल्म संतुलित और निष्पक्ष है।

7 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों (Cinemas) में रिलीज़ (Release) होगी फिल्म “हक़” (Haq), जिसमें इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) और यामी गौतम (Yami Gautam) मुख्य भूमिकाओं में हैं, यह फिल्म भारत के इतिहास के एक चर्चित और विवादित मुक़दमे से प्रेरित है। यह फिल्म वही मामला से प्रेरिय है जिसने देश में व्यक्तिगत कानून (Personal Law) और संवैधानिक अधिकारों (Constitutional Rights) के बीच गहरे संघर्ष को एक वक़्त पर उजागर किया था। फिल्म हक़ उसी संघर्ष की भावना को नए सिनेमा के माध्यम से हमे पेश करती है।

साल 1985 में, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) की 62 वर्षीय शाह बानो बेगम (Shah Bano Begum), एक मुस्लिम महिला थीं। उनके पति मोहम्मद अहमद खान (Mohammad Ahmed Khan) ने उन्हें तलाक दे दिया था। जसके कारण आर्थिक रूप से असहाय शाह बानो ने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 125 के तहत अपने पति से गुज़ारा भत्ता के लिए मांग की थी। आपको बता दे यह कानून हर धर्म की महिला को यह अधिकार देता है कि तलाक (Divorce) के बाद अगर वह खुद का भरण-पोषण (Maintenance) नहीं कर सकती, तो उसका पहला पति आर्थिक मदद (Financial Help) करने के लिए बाध्य होगा।

यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और अदालत ने शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और अदालत ने शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया। Ai

यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंचा और अदालत ने शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि संविधान के तहत हर महिला को उसके धर्म की परवाह किए बिना, न्याय और समानता का अधिकार है। लेकिन कोर्ट का यह फैसला धार्मिक समुदायों के बीच विवाद का कारण बन गया था । कुछ लोगों ने इसे मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप बताया, तो कई लोगों ने इसे महिला अधिकारों की दिशा में ऐतिहासिक (Historical) कदम माना।

निर्देशक सुपर्ण एस. वर्मा (Director Suparn S. Varma) की फिल्म हक़ इसी ऐतिहासिक मामले से प्रेरित एक काल्पनिक कहानी है। फिल्म की नायिका शाज़िया (यामी गौतम) एक ऐसी महिला है जो अपने हक़ और आत्मसम्मान के लिए समाज और धार्मिक परंपराओं से टकराती है।

इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) ने इस फिल्म में अब्बास की भूमिका को निभाया है, जो शाज़िया का पति है और कोर्ट में उसका विरोधी भी है। इमरान हाशमी ने इस फिल्म के बारे में बताते हुए कहा कि यह फिल्म संतुलित और निष्पक्ष है। हक़ (Haq) फिल्म का उद्देश्य किसी धर्म या उसके विचारधारा को निशाना बनाना नहीं, बल्कि यह दिखाना है कि न्याय और संवैधानिक मूल्य हर नागरिक के लिए समान होने चाहिए।

इस तस्वीर में इमरान हासमी और यामी गौतम है
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