
फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ को दुनियाभर में मशहूर एमी अवॉर्ड्स में दो नामांकन मिले हैं। इस फिल्म को लेकर निर्देशक इम्तियाज अली ने आईएएनएस से खास बात की। उन्होंने कहा कि पंजाब में शूटिंग के दौरान कई बार अमर सिंह का नाम सुना था, लेकिन कभी फिल्म बनाने का उनका मन नहीं किया। उन्होंने बताया कि कैसे वह इस फिल्म को बनाने के लिए राजी हुए।
इम्तियाज अली (Imtiaz Ali) ने कहा, "जब भी मैं पंजाब जाकर शूटिंग करता था, लोग मुझे चमकीला की कहानी सुनाते थे और कहते थे, 'तुम्हें पता है 1980 के दशक में एक आदमी था। पंजाब में संगीत की दुनिया में ऐसा सितारा कोई कभी नहीं हुआ। वह बहुत लोकप्रिय था और उसका जीवन बहुत नाटकीय और दुखद था,' वे कहते थे। वे पूछते थे, 'मैं उनके जीवन पर फिल्म बनाने के बारे में क्यों नहीं सोच रहा?'"
उन्होंने आगे कहा, "फिर मुझे एहसास हुआ कि मेरे कई दोस्तों और बॉम्बे फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों ने उनके जीवन पर फिल्म बनाने की कोशिश की थी। मेरे मन में कभी यह विचार नहीं आया कि मुझे उन पर फिल्म बनानी चाहिए क्योंकि उस समय मैं उनके बारे में अधिक नहीं जानता था। साथ ही मुझे पता था कि उनके जीवन पर बनी फिल्म के राइट्स को लेकर कुछ समस्या थी।"
इम्तियाज ने आगे कहा, "एक दिन महामारी के दौरान हरप्रीत नाम का एक आदमी उनके ऑफिस में आया और उसने कहा कि वह पहली बार फिल्म के राइट्स हासिल करने में कामयाब रहा है और वह चाहता है कि मैं उस फिल्म में काम करूं।"
उन्होंने कहा, "उनका फिल्म इंडस्ट्री से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन उन्होंने ही सोचा था कि मुझे यह फिल्म बनानी चाहिए। कोई भी अनजान व्यक्ति, कोई आम आदमी, आपका इतना बड़ा उपकार कर सकता है जो कोई करोड़पति नहीं कर सकता।"
उन्होंने इसे एक तरह से नियति का खेल ही बताया, जिसको बनाना उनके ही हाथ में था।
फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ (Amar Singh Chamkila) का एमी अवॉर्ड्स (Emmy awards) तक पहुंचना, पंजाब (Punjab) के लोकगीत और उसके गायकों की कहानी को अंतरराष्ट्रीय (International) मंच पर पहचान दिलाने का काम करेगा।
(BA)