Birth Anniversary: सुरों की देवी लता मंगेशकर और उनकी अनसुनी बातें!

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को भारत की सुरों की देवी कहा जाता है। उनकी आवाज़ ने न सिर्फ हिंदी सिनेमा बल्कि पूरे भारत के संगीत को नया आयाम दिया। कहते हैं कि उनकी पहली कमाई केवल (25 रुपये) थी, जो उन्होंने एक छोटे से गाने के लिए पाई थी।
Lata Mangeshkar
Lata MangeshkarSora Ai
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लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को भारत की सुरों की देवी कहा जाता है। उनकी आवाज़ ने न सिर्फ हिंदी सिनेमा बल्कि पूरे भारत के संगीत को नया आयाम दिया। कहते हैं कि उनकी पहली कमाई केवल (25 रुपये) थी, जो उन्होंने एक छोटे से गाने के लिए पाई थी। यही मामूली सी शुरुआत उन्हें आगे चलकर “भारत रत्न” (Bharat Ratna) और “भारत की कोकिला” (“Nightingale of India”) बनाने तक पहुँचा गई। लता जी का जीवन सरलता, संघर्ष और संगीत के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने हजारों गानों में अपनी आवाज़ दी और करोड़ों दिलों को छुआ। लेकिन उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें ऐसी भी हैं, जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। इन अनसुनी बातों से हमें पता चलता है कि लता मंगेशकर सिर्फ एक गायिका नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की आवाज़ थीं। आइए जानते हैं उनसे जुड़ी 5 अनसुनी और रोचक बातें।

पहली कमाई सिर्फ 25 रुपये

Lata Mangeshkar Birthday
Lata Mangeshkar BirthdayWikimedia Commons

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की संगीत यात्रा बहुत विनम्र शुरुआत से शुरू हुई। कहा जाता है कि उनका पहला भुगतान केवल (₹25 / 25 rupees) था, जो उन्होंने स्टेज पर गाना गाकर प्राप्त किया था। उस समय ये राशि छोटी लग सकती है, लेकिन उस दौर में भी यह हिम्मत और संघर्ष की कहानी कहती है। संगीत की दुनिया में इतने संघर्षों और आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। यह पहला कदम था, जिसने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि महानता अक्सर छोटे मुकामों से शुरू होती है, और निरंतर समर्पण ही सफलता की चाबी होती है।

पहला रिकॉर्ड किया गया गीत

(Lata Mangeshkar)
(Lata Mangeshkar) Wikimedia Commons

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने (1942) में मराठी फिल्म Kiti Hasaal के लिए अपना पहला गीत रिकॉर्ड किया “Naachu Yaa Gade, Khelu Saari Mani Haus Bhaari”। लेकिन दुर्भाग्यवश वह गाना फिल्म के अंतिम संस्करण में नहीं दर्शाया गया। यानी, उनकी पहली आवाज़ स्क्रिप्ट में शामिल नहीं हुई। इस घटना से यह पता चलता है कि शुरुआती संघर्ष कितने कठिन हो सकते हैं जब आप तैयार हों, अवसर नहीं मिलता। बावजूद इसके, उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ते रहने का फैसला किया।

अपनी खुद की आवाज़ कभी नहीं सुनी

अपनी ही रिकॉर्डिंग्स नियमित रूप से नहीं सुनीं।
अपनी ही रिकॉर्डिंग्स नियमित रूप से नहीं सुनीं। Wikimedia Commons

यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि लता जी ने कभी अपनी ही रिकॉर्डिंग्स नियमित रूप से नहीं सुनीं। उन्होंने कहा कि यदि वे अपनी गाए हुए गाने सुनेँगी तो उनमें एक-एक कमी नज़र आएगी, और हो सकता है कि वह खुद को संतुष्ट न कर पाएं। यह एक दार्शनिक दृष्टिकोण है कलाकार हमेशा सुधार की चाह में रहता है। यह उनकी विनम्रता और आत्म-आलोचना की भावना को दिखाता है कि उन्होंने खुद को पूर्ण नहीं माना, बल्कि लगातार बेहतर बनने का प्रयास किया।

पहली प्रस्तुतियाँ बचपन से नाटक, गायन, और अभिनय

लता जी की कला की शुरुआत बचपन में हुई थी
लता जी की कला की शुरुआत बचपन में हुई थीWikimedia Cmmons

लता जी की कला की शुरुआत बचपन में हुई थी, जब वे अपने पिता, Pandit Deenanath Mangeshkar के संगीत व दृश्य नाट्य (Sangeet Natak) समूह में भाग लिया करती थीं। मात्र पाँच वर्ष की आयु में ही उन्होंने संगीत सीखना शुरू किया। वे न केवल गाती थीं, बल्कि अभिनय भी करती थीं। उनके पिता थिएटर कलाकार और संगीतकार थे, इस वजह से घर में कला और संगीत वातावरण था। इस प्रारंभिक अनुभव ने उन्हें न सिर्फ स्वरगायन बल्कि मंचीय कला की समझ दी, जो उनके कैरियर में बाद में काम आई।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड & भाषाई विविधता

Most Recorded Artist
Most Recorded ArtistWikimedia Commons

लता मंगेशकर को विभिन्न स्रोतों में “विश्व का सबसे अधिक रिकॉर्डिंग करने वाला कलाकार” (Most Recorded Artist) बताया गया है। कहा गया है कि उन्होंने लगभग ३०,००० (30,000) से अधिक गाने २० से अधिक भारतीय भाषाओं में रिकॉर्ड किए। उनका नाम 1974 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सम्मिलित हुआ। हालांकि बाद में कुछ विवाद भी हुआ कि यह संख्या अतिशयोक्ति हो सकती है, लेकिन कोई यह नकार नहीं सकता कि उनकी आवाज़ ने भाषा की सीमाएँ पार कीं और लाखों लोगों के दिलों तक पहुँची। [Rh/Eth/SP]

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