ट्रेन की मुलाकात से शादी तक : शत्रुघ्न और पूनम की कहानी, जहां आंसुओं से शुरू हुई थी मोहब्बत
बॉलीवुड के ‘शॉटगन’ यानी शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) का जीवन जितना रोमांचक और संघर्षों से भरा रहा है, उतनी ही दिलचस्प है उनकी प्रेम कहानी भी। हाल ही में ‘द कपिल शर्मा शो’ पर शत्रुघ्न सिन्हा, और उनकी पत्नी पूनम सिन्हा (Poonam Sinha)ने इस शो में दोनों नेअ पनी पहली मुलाकात, शादी, और व्यक्तिगत जीवन के कई अनसुने किस्से साझा किए। आइए जानते हैं शत्रुघ्न सिन्हा और पूनम सिन्हा की पहली मुलाक़ात, प्रेम कहानी और जीवन यात्रा के बारे में।
जब पहली बार मिले थे शत्रुघ्न और पूनम
शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने अपने कॉलेज के दिनों की यादें ताज़ा करते हुए बताया कि जब वे पटना से पढ़ाई के लिए बाहर जा रहे थे, तब पहली बार उन्होंने पूनम को देखा था। वे ट्रेन में सफ़र कर रहे थे और भावुक थे क्योंकि उन्हें परिवार वालों ने डांट दिया था। तभी उन्होंने देखा कि सामने की सीट पर बैठी एक लड़की भी चुपचाप रो रही है, वो थीं पूनम सिन्हा। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, “जब मैंने पूनम को देखा, तो महसूस किया कि वो भी मेरी तरह दुखी है। शायद उसकी मां ने भी उसे डांटा होगा। उसी पल वो मेरी नज़रों में बस गई।” ये पहली झलक थी, जिसने उनके दिल में एक खास जगह बना ली।
पूनम सिन्हा (Poonam Sinha) ने भी कपिल शर्मा के शो में बताया कि वो पटना से मुंबई जा रही थीं, और उनकी सीट शत्रुघ्न के आमने-सामने थी। दोनों ही किसी न किसी कारण से दुखी थे और सफर के दौरान रो रहे थे। पूनम ने हँसते हुए कहा, “शत्रुघ्न मुझसे बात करने के बहाने ढूंढ़ रहे थे। एक बार तो उन्होंने मेरे पैर छूने की कोशिश भी की जब ट्रेन एक सुरंग से गुज़री, लेकिन फिर डर गए और पूरे सफर में चुप रहे।” यह किस्सा आज भी दोनों के दिल में बसा हुआ है, एक मासूम, नन्हा-सा रिश्ता, जो बाद में जीवनभर का साथ बन गया।
जब शत्रुघ्न के भाई राम सिन्हा और निर्देशक एन. एन. सिप्पी पूनम के घर रिश्ता लेकर गए, तो पूनम की मां ने शत्रुघ्न की फोटो देखकर कहा, “ये तो किसी गुंडे जैसा लगता है ! चेहरे पर इतने कट के निशान हैं, और चोर की एक्टिंग करता है।” उन्होंने रिश्ता तुरंत मना कर दिया था। पूनम की मां का यह डर भी जायज़ था, क्योंकि शत्रुघ्न फिल्मों में खलनायक का रोल निभाते थे और उनका चेहरा थोड़ा डरावना लगता था। लेकिन बाद में जब दोनों परिवारों ने एक-दूसरे को समझा, तो यह रिश्ता मंज़ूर कर लिया गया।
शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) और पूनम सिन्हा (Poonam Sinha) की शादी 9 जुलाई, 1980 को हुई। यह वह दौर था जब शत्रुघ्न का नाम अभिनेत्री रीना राय के साथ जुड़ा हुआ था। खुद शत्रुघ्न ने एक इंटरव्यू में माना था कि रीना राय से उनका रिश्ता 7 साल तक चला था। लेकिन सबसे खास बात यह थी कि पूनम सिन्हा (Poonam Sinha) को इस रिश्ते की जानकारी थी। एक सशक्त स्त्री की तरह उन्होंने अपने पति को समझा और शादी को निभाया। पूनम हमेशा से एक सशक्त स्त्री रहीं हैं, जिन्होंने अपने पति के संघर्ष, स्टारडम और अफेयर की खबरों के बीच भी परिवार को सम्हाल कर रखा। यही कारण है कि आज भी उनका रिश्ता उतना ही मजबूत और सुंदर है जितना पहली ट्रेन यात्रा में महसूस किया गया था।
शत्रुघ्न सिन्हा का पटना से मुंबई तक का सफर
15 जुलाई 1945 को बिहार की राजधानी पटना में जन्मे शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) का सपना एक्टर बनने का था, लेकिन रास्ता इतना आसान नहीं था। उनके पिता डॉक्टर थे, और उन्होंने अपने चारों बेटों का नाम रामायण के पात्रों पर रखा राम, लखन, भरत और शत्रुघ्न। शत्रुघ्न ने पटना साइंस कॉलेज से पढ़ाई की और बाद में पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से अभिनय सीखा। लेकिन जब वे मुंबई पहुंचे, तो उनके गाल पर कट के निशान की वजह से कई लोगों ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया। शत्रुघ्न प्लास्टिक सर्जरी करवाना चाहते थे, लेकिन सुपरस्टार देव आनंद ने उन्हें रोका और समझाया, “इस निशान को अपनी पहचान बना लो।” बस फिर उनको भी यह बात अच्छी लगी फिर उन्होंने इस कट को अपना हथियार बना लिया। शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाकर खूब वाहवाही बटोरी। उनकी भारी आवाज़, दमदार डायलॉग और आक्रामक अंदाज़ ने उन्हें ‘शॉटगन’ बना दिया। उनकी पॉपुलैरिटी इतनी थी कि लोग खलनायक के रूप में भी उन्हें हीरो मानते थे।
खलनायक से हीरो और फिर राजनेता तक की उड़ान
बाद में शत्रुघ्न ने कई फिल्मों में लीड रोल निभाए और हीरो के रूप में भी सफलता हासिल की। 'कालीचरण', 'दिल्लगी', 'विश्वनाथ', और 'दोस्ताना' जैसी फिल्मों ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया। इसके बाद उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया और बीजेपी से सांसद बने। बाद में वे कांग्रेस और फिर टीएमसी में शामिल हुए। राजनीति में ईमानदारी और तेज़ आवाज़ से उन्होंने अलग पहचान बनाई।
निष्कर्ष :
शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) की कहानी एक ऐसे इंसान की है, जिसने एक निशान को अपनी पहचान बना लिया। एक साधारण ट्रेन यात्रा से शुरू हुई प्रेम कहानी ने उन्हें ज़िंदगी भर का साथी दे दिया। पूनम के साथ उनका रिश्ता आज भी एक धैर्य, समझदारी और सम्मान से भरा हुआ है,।
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शत्रुघ्न सिन्हा का जीवन हमें सिखाता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो न कोई निशान रोक सकता है, न कोई अफवाह। और सबसे बड़ी बात सच्चा प्यार कहीं भी, कभी भी मिल सकता है… ट्रेन में रोते हुए भी। [Rh/PS]