Kumaoni jewellery: भारत के इस राज्य की महिलाएं आभूषणों में देती हैं सबको मात

यह हमारी दादी एवम् परदादी के गले में पहने जाने वाला बेहद भारी चांदी का आभूषण है। भले ही वजन बहुत भारी होता था लेकिन फिर भी कुछ महिलाओं के द्वारा यह रोजमर्रा की जिंदगी में भी पहना जाता था।
भारत के इस राज्य की महिलाएं आभूषणों में देती हैं सबको मात
भारत के इस राज्य की महिलाएं आभूषणों में देती हैं सबको मातWikimedia

हमारी दादी एवं परदादी कुमाऊं में अनेक प्रकार के चांदी के आभूषण पहनती हैं। उनके वक्त में सभी औरतें यह आभूषण (Ornament) पहनती थी। देखा जाए तो आज के वक्त में महिलाएं इन आभूषणों को पहनने के प्रति महिलाएं अधिक रुचि नहीं दिखाती

क्योंकि यह आभूषण काफी भारी होते हैं और यही कारण है कि महिलाएं इन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में नहीं पहन सकती। लेकिन ये हमारे पूर्वजों की धरोहर और उनकी शान के प्रतीक हैं और कुमाऊं की पहचान है।

• चांदी से बनी माला (Silver chain)

पुराने समय में महिलाओं के द्वारा चांदी से बनी माला पहनी जाती थी। यह खास आयोजनों पर पहनी जाती थी। यह बहुत भारी होती थी इसलिए रोजमर्रा की जिंदगी भी नहीं पहनती थी हालांकि आजकल इसे कोई नहीं पहनता और यह सिर्फ अतीत की धरोहर बन कर रह गई है।

• सुता या सुत्ता (Sutta)

यह हमारी दादी एवम् परदादी के गले में पहने जाने वाला बेहद भारी चांदी का आभूषण है। भले ही वजन बहुत भारी होता था लेकिन फिर भी कुछ महिलाओं के द्वारा यह रोजमर्रा की जिंदगी में भी पहना जाता था। विवाह के समय महिलाओं को ससुराल या मायके पक्ष की ओर से दिए जाने वाले उपहार में से एक था। विवाहित महिलाएं इसे बड़े शौक से पहनती थी और इसमें अनेक डिजाइन आते थे। लेकिन यह अब अतीत का एक हिस्सा बन चुका है।

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• रुपये या सिक्के से बनी माला

इस तरह की माला को पहनना लोगों की प्रतिष्ठा के साथ जुड़ा हुआ था। चांदी के सिक्कों (Silver Coin) को एक माला के रूप में पिरो कर गले में धारण किया जाता था। हमारा दिखने में बहुत ही शानदार होती थी। और इसमें तरह-तरह के सिक्के पिरोए जाते थे।

• धगुला (Dhagula)

यह सुत्ते के जैसा होता था लेकिन इसे हाथ में पहना जाता था। रोजमर्रा की जिंदगी में पहने जाने वाला आभूषण था और इसके कई डिजाइन उपलब्ध थे हालांकि गांव में कुछ महीने से अब भी पहनती है।

(PT)

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