वैसे तो नवरात्रि पूजन में हर दिन का महत्व होता है। लेकिन नवमी का महत्व बहुत अधिक माना जाता है क्योंकि इस दिन नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। और इसी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है साथ ही कन्या पूजन भी किया जाता है।
इस साल शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 3 अक्टूबर को है।
इस दिन मंगलवार (Tuesday) है। इस दिन मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन मास में शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली नवमी तिथि को महानवमी कहा जाता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति इस दिन मां सिद्धिदात्री (Siddhidatri) की पूजा करता है वह भय,रोग और शोक से मुक्त रहता है। इस दिन कन्या पूजन का भी बहुत महत्व है।
क्या है महानवमी का आध्यात्मिक महत्व ?
पौराणिक कहानियों में कहा गया है कि मां दुर्गा ने राक्षसों के राजा महिषासुर के खिलाफ लगातार नौ दिन तक युद्ध किया था।
यह बुराई के खिलाफ देवी की शक्ति और बुद्धि की जीत का आखिरी दिन था। इसी दिन को महानवमी कहते है।
इस दिन होने वाले कुछ अनुष्ठान:
• दक्षिण भारत में बच्चे इसी दिन पहली बार स्कूल जाते है।
• इस दिन की जाने वाली पूजा नवरात्रि में नौ दिन की गई पूजा के बराबर होती है।
• बुटुकुम्मा आंध्रप्रदेश (Bathukamma Andhra Pradesh) के कुछ क्षेत्र में मनाया जाने वाला उत्सव है। यह भी रामनवमी (Ramnavmi) को ही मनाया जाता है। इसकी प्रेरणा एक पुष्प से ली गई है।यह त्योहार महिलाओं द्वारा विशेष रूप से किया जाता है।
• इसी दिन देवी दुर्गा (Durga) को सरस्वती (Saraswati) के रूप में पूजा जाता है। देवी सरस्वती ज्ञान की देवी के रूप में जानी जाती है। दक्षिण भारत में इस दिन उपकरणों को सजाया और पूजा की जाती है।
क्या है मुहूर्त?
इस दिन रवि और सुकर्मा योग का शुभ संयोग बन रहा है।
सोमवार 04 अक्टूबर 2022
नवमी प्रारंभ होगी 03 अक्टूबर शाम 4:38 बजे
नवमी समाप्ति 04 अक्टूबर दोपहर 2:21 बजे
(PT)