

24 दिसंबर को भारत रत्न की घोषणा, विभिन्न देशों में शांति समझौते, चुनाव, सत्ता हस्तांतरण और अंतरराष्ट्रीय निर्णय हुए।
इस दिन मंगल मिशन, परमाणु परीक्षण, दिल्ली मेट्रो की शुरुआत और शतरंज में विश्व खिताब जैसी उपलब्धियाँ दर्ज हुईं।
24 दिसंबर को कई महान कलाकारों, खिलाड़ियों और साहित्यकारों का जन्म व निधन हुआ।
हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जोकि इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 24 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 24 दिसंबर (History Of 24th December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
भारत रत्न सम्मान
2014 को भारत सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने की घोषणा की। यह सम्मान देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के रूप में उनके राजनीति, शिक्षा और राष्ट्र निर्माण में अमूल्य योगदान के लिए दिया गया।
क्यूबा में कैदियों की रिहाई
2011 को क्यूबा सरकार ने 2900 कैदियों को रिहा करने की घोषणा की। यह फैसला मानवाधिकार सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्यूबा की छवि सुधारने में सहायक रहा।
जम्मू-कश्मीर चुनाव
2008 को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में लगभग 55 प्रतिशत मतदान हुआ। यह दर्शाता है कि सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद लोकतंत्र में जनता की भागीदारी मजबूत बनी रही।
मंगल मिशन उपलब्धि
2007 को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के यान ‘मार्स एक्सप्रेस’ ने मंगल ग्रह की कक्षा में 4000 चक्कर पूरे किए। इससे मंगल ग्रह से जुड़ी कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक जानकारियाँ प्राप्त हुईं।
इस्रायल-फ़िलिस्तीन पहल
2006 को एक शिखर बैठक में इस्रायल ने फ़िलिस्तीन को कई सुविधाएँ देने पर सहमति जताई। यह कदम मध्य-पूर्व शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा गया।
खालिस्तान संगठन प्रतिबंध
2005 को यूरोपीय संघ ने ‘खालिस्तान ज़िन्दाबाद फ़ोर्स’ को आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश गया।
इराक सत्ता हस्तांतरण
2003 को अमेरिकी विदेश विभाग ने इराक में 30 जून 2004 तक सत्ता सौंपने की तैयारी शुरू की। यह इराक में लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करने की दिशा में अहम कदम था।
दिल्ली मेट्रो शुरुआत
2002 को दिल्ली मेट्रो का शुभारंभ शाहदरा–तीस हज़ारी लाइन से हुआ। इस परियोजना ने दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को आधुनिक और सुविधाजनक बनाया।
विश्वनाथन आनंद
2000 को विश्वनाथन आनंद विश्व शतरंज चैंपियन बने। यह भारत के खेल इतिहास की बड़ी उपलब्धि थी और इससे शतरंज को देश में नई पहचान मिली।
तजाकिस्तान शांति समझौता
1996 को तजाकिस्तान में गृहयुद्ध समाप्त करने के लिए शांति समझौता हुआ। इस समझौते से देश में स्थिरता और शांति की बहाली संभव हो सकी।
एसेल वर्ल्ड उद्घाटन
1989 को मुंबई में देश का पहला अम्यूजमेंट पार्क ‘एसेल वर्ल्ड’ खोला गया। यह भारत में आधुनिक मनोरंजन संस्कृति की शुरुआत मानी जाती है।
लोटस टेंपल खुला
1986 को दिल्ली का लोटस टेंपल श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। यह अपनी अनोखी वास्तुकला और धार्मिक एकता के प्रतीक के रूप में विश्व प्रसिद्ध है।
चीन परमाणु परीक्षण
1967 को चीन ने लोप नोर क्षेत्र में परमाणु परीक्षण किया। इस परीक्षण ने एशिया में सामरिक संतुलन और वैश्विक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाया।
लाओस स्वतंत्रता
1954 को दक्षिण-पूर्व एशियाई देश लाओस ने स्वतंत्रता प्राप्त की। यह उपनिवेशवाद से मुक्ति और राष्ट्रीय संप्रभुता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।
मेडिकल कांफ्रेंस
1894 को कलकत्ता में पहली मेडिकल कांफ्रेंस का आयोजन हुआ। इससे भारत में आधुनिक चिकित्सा शिक्षा और शोध को बढ़ावा मिला।
मनोरंजन पार्क
1889 को भारत में पहला मनोरंजन पार्क एसेल वर्ल्ड मुंबई में खोला गया। यह बच्चों और युवाओं के लिए मनोरंजन का नया केंद्र बना।
स्वीडन-नार्वे युद्ध
1715 को स्वीडन की सेना ने नार्वे पर कब्ज़ा किया। यह घटना उत्तरी यूरोप के सैन्य इतिहास में अहम मानी जाती है।
नीरज चोपड़ा
1997 को जन्मे नीरज चोपड़ा भारत के प्रसिद्ध भाला फेंक खिलाड़ी हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया। उनकी मेहनत, अनुशासन और निरंतर अभ्यास ने उन्हें विश्व के शीर्ष एथलीटों में शामिल किया।
राजू श्रीवास्तव
1963 को जन्मे राजू श्रीवास्तव भारत के मशहूर हास्य कलाकार और अभिनेता थे। उन्होंने अपनी कॉमेडी से लोगों को खूब हंसाया। आम आदमी की ज़िंदगी पर आधारित उनका हास्य दर्शकों के दिलों को छू जाता था।
अनिल कपूर
24 दिसंबर 1959 को जन्मे अनिल कपूर भारतीय सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता हैं। वे अपनी ऊर्जा, अभिनय क्षमता और लंबे करियर के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हर तरह की भूमिकाएँ निभाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
उषा प्रियंवदा
1930 में जन्मी उषा प्रियंवदा जानी-मानी पत्रकार और साहित्यकार हैं। उनके लेखन में सामाजिक यथार्थ और मानवीय संवेदनाएँ दिखाई देती हैं। उन्होंने हिन्दी साहित्य और पत्रकारिता दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मुहम्मद रफ़ी
24 दिसंबर 1924 को जन्मे मुहम्मद रफ़ी भारतीय संगीत जगत के महान गायक थे। उनकी आवाज़ में भावनाओं की गहराई थी। उन्होंने हज़ारों गीत गाकर हिन्दी फिल्म संगीत को अमर बना दिया।
बनारसीदास चतुर्वेदी
1892 में जन्मे बनारसीदास चतुर्वेदी प्रसिद्ध पत्रकार और साहित्यकार थे। उन्होंने हिन्दी पत्रकारिता को नई दिशा दी। उनके लेखन में राष्ट्रीय चेतना और सामाजिक सरोकार स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।
दीनानाथ भार्गव
सन् 2016 में दीनानाथ भार्गव का निधन हुआ। वे भारत के प्रसिद्ध चित्रकार थे और महान कलाकार नंदलाल बोस के शिष्य रहे। उनकी कला में भारतीय परंपरा, रंगों की सादगी और सांस्कृतिक भावनाएँ साफ दिखाई देती थीं।
पी. भानुमति
सन् 2005 में पी. भानुमति का निधन हुआ। वे भारतीय सिनेमा की बहुआयामी प्रतिभा थीं। अभिनेत्री होने के साथ-साथ वे फ़िल्म निर्देशक, संगीत निर्देशक, गायिका, निर्माता, उपन्यासकार और गीतकार भी थीं। उनका योगदान दक्षिण भारतीय सिनेमा में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
जैनेन्द्र कुमार
सन् 1988 में हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कथाकार जैनेन्द्र कुमार का निधन हुआ। वे मनोवैज्ञानिक कथाओं और उपन्यासों के लिए जाने जाते थे। उनके लेखन में मानव मन की जटिलताओं और आंतरिक संघर्षों का गहरा चित्रण मिलता है।
एम. जी. रामचन्द्रन
सन् 1987 में एम. जी. रामचन्द्रन का निधन हुआ। वे तमिल सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता और प्रभावशाली राजनेता थे। फिल्मों से मिली लोकप्रियता को उन्होंने राजनीति में जनसेवा के लिए उपयोग किया और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी बने।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (National Consumer Day) हर वर्ष 24 दिसंबर को भारत में मनाया जाता है। यह दिन उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसी दिन 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किया गया था, जिसने उपभोक्ताओं को शोषण, ठगी और अनुचित व्यापार प्रथाओं से सुरक्षा प्रदान की। इस दिवस पर “जागरूक उपभोक्ता, सशक्त भारत” का संदेश दिया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न संस्थानों में उपभोक्ता अधिकारों से जुड़े कार्यक्रम, सेमिनार और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सजग बनाना, सही जानकारी देना और उन्हें न्याय पाने के लिए प्रेरित करना है।