

3 दिसंबर को दुनिया में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं—फिलीपींस का ‘भूफा’ तूफ़ान, 26/11 के बाद विलासराव देशमुख का इस्तीफ़ा और भारत–पाक रेल संपर्क बहाली का निर्णय प्रमुख हैं।
3 दिसंबर मिताली राज, यशपाल, खुदीराम बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे महान व्यक्तियों के जन्मदिन के रूप में भी याद किया जाता है।
इस दिन भोपाल गैस त्रासदी दिवस मनाया जाता है ताकि औद्योगिक सुरक्षा और पीड़ितों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जो की इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 3 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 3 दिसंबर (History Of 3rd December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
फिलीपींस में ‘भूफा’ तूफ़ान का कहर
फिलीपींस में आए विनाशकारी ‘भूफा’ तूफ़ान ने भारी तबाही मचा दी। तेज़ हवाओं और भयंकर बाढ़ के कारण कम से कम 475 लोगों की मौत हुई। हजारों लोग बेघर हो गए और कई गाँव पूरी तरह नष्ट हो गए। राहत और बचाव कार्यों को बेहद कठिन परिस्थितियों में अंजाम दिया गया।
विलासराव देशमुख का इस्तीफ़ा
मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चूक की भारी आलोचना के चलते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। यह हमला भारतीय सुरक्षा ढांचे पर गंभीर सवाल उठाता है और सरकार को त्वरित राजनीतिक जवाबदेही दिखाने के लिए बाध्य करता है।
भारत–पाकिस्तान रेल संपर्क बहाली पर सहमति
लगभग 40 वर्षों के बाद भारत और पाकिस्तान ने मुनाबाव–खोखरापार रेल मार्ग को दोबारा शुरू करने पर सहमति जताई। यह फैसला दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और मानवीय संपर्क बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना गया। इससे सीमापार लोगों को आवागमन में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद बनी।
UNEP की जैव विविधता परियोजना
यूएनईपी ने भारत सहित सात उष्णकटिबंधीय देशों में जैव विविधता के अध्ययन और संरक्षण के लिए 2 करोड़ 60 लाख डॉलर की राशि जारी की। इस परियोजना का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा और वैश्विक पारिस्थितिकी संतुलन को वैज्ञानिक रूप से मजबूत करना था।
गाज़ा में इस्रायल का हमला
इस्रायल द्वारा गाज़ा पर किए गए हमले में यासर अराफात के हेलीकॉप्टर नष्ट कर दिए गए। यह कार्रवाई इजरायल–फिलिस्तीन संघर्ष को और भड़काने वाली घटना बनी। इससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ा और शांति प्रयासों को गहरा झटका लगा, जिससे दोनों पक्षों के बीच वार्ता और बिगड़ गई।
ताइवान का पहला स्वतंत्र चुनाव
ताइवान में पहली बार स्वतंत्र स्थानीय चुनाव सम्पन्न हुए, जो देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम माना जाता है। इस चुनाव ने जनता को स्थानीय शासन पर अधिक नियंत्रण दिया और ताइवान को एशिया में उभरते लोकतांत्रिक मॉडल के रूप में स्थापित किया।
भोपाल गैस त्रासदी
भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली गैस के रिसाव से कम से कम 3000 लोगों की मौत हुई और हजारों लोग जीवनभर की विकृतियों और बीमारियों से जूझने लगे। यह घटना दुनिया की सबसे भयावह औद्योगिक दुर्घटनाओं में शामिल है और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल उठाती है।
भारत में आपातकाल लागू
भारत–पाकिस्तान युद्ध शुरू होने के बाद देश में आंतरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए आपातकाल लागू किया गया। यह निर्णय सैन्य तैयारियों, संसाधनों के नियंत्रण और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देने के उद्देश्य से लिया गया। इस दौरान सरकार को विशेष अधिकार प्रदान किए गए।
भारत का पहला रॉकेट प्रक्षेपण
भारत ने वैज्ञानिक प्रगति की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अपना पहला रॉकेट ‘रोहिणी RH-75’ थुम्बा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। इस सफलता ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव मजबूत की और आगे चलकर ISRO को वैश्विक पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
सती प्रथा पर प्रतिबंध
वायसराय लॉर्ड विलियम बैंटिक ने भारत में सती प्रथा पर आधिकारिक रूप से रोक लगाई। यह भारतीय समाज में मानवाधिकार, महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक सुधार की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम था, जिसे बाद में राजा राममोहन राय सहित कई सुधारकों ने समर्थन दिया।
मिताली राज का जन्मदिन
मिताली राज टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जिसने भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया। उनके खेल कौशल, अनुशासन और नेतृत्व ने न केवल भारत बल्कि विश्व क्रिकेट में महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत तैयार किया।
रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ का जन्मदिन
रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ जेएनयू में विद्यार्थियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय जनकवि थे। उन्होंने समाज, राजनीति और जनभावनाओं पर तीखे, ईमानदार और विद्रोही स्वर में कविता लिखी। उनके काव्य ने विश्वविद्यालयी संस्कृति और जनआंदोलनों में नई चेतना जगाई।
यशपाल का जन्मदिन
यशपाल हिन्दी साहित्य के प्रमुख कथाकार, उपन्यासकार और निबंध लेखक थे। स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहने के बाद उन्होंने साहित्य को समाज परिवर्तन का माध्यम बनाया। उनकी रचनाएँ सामाजिक विषमताओं, विद्रोही विचारों और प्रगतिशील सोच के लिए प्रसिद्ध हैं।
खुदीराम बोस का जन्मदिन
खुदीराम बोस भारत के सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। मात्र 18 वर्ष की आयु में ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए फाँसी दी गई। उनका साहस, देशप्रेम और बलिदान युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक बना हुआ है।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्मदिन
डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में शामिल थे और भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने। सरलता, विनम्रता और ईमानदारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें जनता का सच्चा नेता बनाया। संविधान निर्माण और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण रही।
धर्मपाल गुलाटी: एमडीएच के मसाला किंग
धर्मपाल गुलाटी, जिन्हें लोग “एमडीएच वाले दादा जी” के नाम से पहचानते थे, भारत की मशहूर मसाला कंपनी एमडीएच के मालिक थे। उनकी मेहनत, ईमानदारी और सरल छवि ने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बनाया। उन्होंने मसाला उद्योग को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया और सामाजिक कार्यों में भी बड़ा योगदान दिया।
देव आनंद: सदाबहार अभिनेता का निधन
प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता और निर्देशक देव आनंद हिन्दी सिनेमा के सबसे सदाबहार कलाकारों में गिने जाते हैं। उनके रोमांटिक अंदाज, सशक्त अभिनय और फिल्म निर्माण के जज़्बे ने भारतीय सिनेमा को नई दिशा दी। उनका निधन एक स्वर्णिम युग के अंत का प्रतीक माना जाता है।
विष्णु डे: प्रतिष्ठित बांग्ला साहित्यकार
विष्णु डे एक प्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार थे और 1971 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हुए। उनकी काव्य–शैली गहराई, संवेदनशीलता और आधुनिक चिंतन का अनोखा मिश्रण पेश करती है। साहित्य क्षेत्र में उनके योगदान ने उन्हें भारत के प्रमुख कवियों में स्थान दिलाया।
मेजर ध्यानचंद: हॉकी के जादूगर
मेजर ध्यानचंद भारत के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक थे, जिन्हें “हॉकी का जादूगर” कहा जाता है। उनकी स्टिक पर गेंद मानो जादू की तरह चलती थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने भारत को कई स्वर्णिम सफलताएँ दिलाईं और खेल के इतिहास में अमिट छाप छोड़ी।
भोपाल गैस त्रासदी दिवस
भोपाल गैस त्रासदी दिवस 3 दिसंबर को उन हजारों निर्दोष लोगों की याद में मनाया जाता है, जो 1984 में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से गैस रिसाव के कारण मारे गए। यह दिन औद्योगिक सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और पीड़ितों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
विश्व विकलांग दिवस
विश्व विकलांग दिवस हर वर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के अधिकारों, उनकी जरूरतों और समाज में समान भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन समावेशी विकास, सुलभ वातावरण और अवसरों की बराबरी को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण संदेश देता है।