![History Of 5th September [wikimedia Commons]](http://media.assettype.com/newsgram-hindi%2F2025-09-04%2Fgaagvurg%2Fassetstask01k4apv9dbf6yrgr7h0wgrne361757001224img0.webp?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
इतिहास के पन्नों में 5 सितम्बर का दिन कई मायनों में खास रहा है। इस दिन भारत में शिक्षा और ज्ञान को सम्मान देने वाली परंपराएँ बनीं, तो वहीं दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में राजनीतिक, खेल और सामाजिक घटनाओं ने नई दिशा दी। 5 सितम्बर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जो शिक्षा के महत्व और गुरुजनों के योगदान को याद करने का अवसर है। वहीं विश्व स्तर पर यह दिन कभी तकनीकी प्रगति, तो कभी दुखद घटनाओं का गवाह रहा। आइए जानते हैं इस दिन की कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ। आइए जानते हैं 5 सितंबर (History Of 5th September) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
शिक्षक दिवस की शुरुआत (1962)
भारत में 5 सितम्बर को हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) के जन्मदिवस पर मनाया जाता है, जो भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। उन्होंने शिक्षा को समाज का सबसे बड़ा आधार बताया। उनके सम्मान में यह परंपरा शुरू हुई और आज भी छात्र-शिक्षक इस दिन को विशेष तरीके से मनाते हैं।
कश्मीर घाटी में बाढ़ (2014)
5 सितम्बर 2014 को जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और बाढ़ आई, जिससे घाटी का बड़ा हिस्सा डूब गया। हजारों लोग बेघर हुए और भारतीय सेना तथा NDRF (National Disaster Response Force) ने राहत कार्य चलाया। इस बाढ़ को उस समय की सबसे बड़ी आपदा माना गया था। यह घटना भारत के आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता कार्य की एक बड़ी परीक्षा साबित हुई।
म्यूनिख समझौते की शुरुआत (1938)
5 सितम्बर 1938 को यूरोप में तनाव तेजी से बढ़ रहा था। जर्मनी के तानाशाह हिटलर (Hiter) ने चेकोस्लोवाकिया के सूडेटनलैंड पर दावा किया। इसी समय म्यूनिख समझौते (Munich Accords) की नींव रखी गई, जिसमें ब्रिटेन और फ्रांस ने शांति के लिए हिटलर को मान लिया। यह घटना द्वितीय विश्व युद्ध (World War 2) की भूमिका तय करने वाली मानी जाती है।
ओलंपिक में पहला टीवी प्रसारण
5 सितम्बर 1960 को रोम ओलंपिक खेलों का इतिहास बना जब पहली बार ओलंपिक का प्रसारण (First ever Olympics telecast) टेलीविजन पर हुआ। यूरोप के कई देशों में लोग घर बैठे लाइव खेल देख पाए। यह खेलों की दुनिया में तकनीकी क्रांति थी। आगे चलकर टीवी प्रसारण ने ओलंपिक को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।
म्यूनिख ओलंपिक नरसंहार
5 सितम्बर 1972 को जर्मनी के म्यूनिख ओलंपिक (Munich Olympics Massacre) खेलों के दौरान इज़राइल के खिलाड़ियों पर आतंकवादी हमला हुआ। फिलिस्तीनी संगठन ब्लैक सितंबर ने 11 खिलाड़ियों को बंधक बना लिया और बाद में उनकी हत्या कर दी। यह घटना खेल इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में गिनी जाती है और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में आतंकवाद के खतरे को उजागर करती है।