
मोबियस (Mobius) ने कहा कि भारतीय निर्यात (Indian Export) पर अमेरिकी (America) शुल्क (Tariff) और अल्पकालिक अस्थिरता के बावजूद, भारत (India) अपनी मजबूत घरेलू मांग और सरकारी सुधार के कारण अन्य उभरते बाजारों पर अपनी बढ़त बनाए रखेगा।
मोबियस (Mobius) ने अपने पोर्टफोलियो का लगभग 20 प्रतिशत भारत में निवेश किया है।
इकोनॉमिक टाइम्स (Economic Times) को दिए एक इंटरव्यू में, उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने से फार्मा (Pharma), जेम्स और परिधान जैसे क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, उनका मानना है कि भारतीय व्यवसाय अफ्रीका (Africa) जैसे अन्य बाजारों में मैन्युफैक्चरिंग को स्थानांतरित करके अनुकूलन कर सकते हैं।
मोबियस ने कहा, "भारतीय उद्यमी बहुत रचनात्मक हैं। मुझे लगता है कि वे इनमें से कुछ समस्याओं से निपटने में सक्षम होंगे।"
अमेरिकी टैरिफ के बारे में उन्होंने कहा, "निर्यात से आर्थिक विकास में ज्यादा से ज्यादा 0.5 प्रतिशत से 0.75 प्रतिशत की कमी आ सकती है। लेकिन भारत का घरेलू बाजार बहुत बड़ा है और अभी भी तेजी से बढ़ रहा है। अगर विकास दर का अनुमान 6 प्रतिशत से घटकर 5.5 प्रतिशत भी हो जाए, तो भी यह कोई बड़ी बात नहीं है।"
अरबपति निवेशक ने कहा कि अमेरिकी सरकार को रूस (Russia) से तेल आयात के लिए भारत को अलग से ट्रीट नहीं करना चाहिए, उन्होंने बताया कि चीन (China) भी इतनी ही मात्रा में तेल खरीद रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि बातचीत से इन मतभेदों को सुलझाया जा सकता है, खासकर जब वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें गिर गई हैं।
उन्होंने कमजोर रुपए को निर्यातकों के लिए सकारात्मक बताया और कहा कि सरकारी समर्थन इस झटके को कम करेंगे।
मोबियस (Mobius) ने कहा, "भारतीय बाजार स्वस्थ दिख रहा है। अर्थव्यवस्था (Economy) अभी भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है। अंततः, भारत और अमेरिका एक समझौते पर पहुंचेंगे क्योंकि यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चल सकती।"
इससे पहले दिग्गज निवेशक ने कहा था कि भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है। भारत की जनसंख्या अब चीन से काफी ज्यादा है।
कुछ ही वर्षों में, भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 2025 तक, कुल सकल घरेलू उत्पाद के मामले में भारत अमेरिका, चीन और जर्मनी से पीछे रहेगा। (BA)