उबर से भारतीयों को अमेरिका में अवैध प्रवेश दिलाने वाले भारतीय-अमेरिकी को जेल

एक 49 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति को अवैध रूप से सैकड़ों भारतीय नागरिकों को उबर का इस्‍तेमाल करके कनाडा से अमेरिकी सीमा में अवैध रूप से प्रवेश कराने और फिर मध्य-पश्चिम और उससे आगे के स्थानों पर लाने के आरोप में तीन साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई गई है।
उबर से भारतीयों को अमेरिका में अवैध प्रवेश दिलाने वाले भारतीय-अमेरिकी को जेल (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)
उबर से भारतीयों को अमेरिका में अवैध प्रवेश दिलाने वाले भारतीय-अमेरिकी को जेल (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)

एक 49 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति को अवैध रूप से सैकड़ों भारतीय नागरिकों को उबर का इस्‍तेमाल करके कनाडा से अमेरिकी सीमा में अवैध रूप से प्रवेश कराने और फिर मध्य-पश्चिम और उससे आगे के स्थानों पर लाने के आरोप में तीन साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई गई है।

कैलिफोर्निया के एल्क ग्रोव के राजिंदर पाल सिंह उर्फ जसपाल गिल को मंगलवार को सिएटल की जिला अदालत में लाभ के लिए कुछ विदेशियों को परिवहन और आश्रय देने तथा धन शोधन के लिए सजा सुनाई गई।

सिंह ने फरवरी में अपना गुनाह कबूल करते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने तस्करी गिरोह के प्रमुख सदस्य के रूप में पांच लाख डॉलर से अधिक की रकम ली थी, जो लोगों को अवैध रूप से सीमा पार कराने के लिए उबर का इस्तेमाल करता था।

कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी टेसा एम. गोर्मन ने कहा, "चार साल की अवधि में सिंह ने 800 से अधिक लोगों को उत्तरी सीमा के पार और वाशिंगटन प्रांत में अमेरिका में तस्करी के लिए लाने की व्यवस्था की।"

उन्होंने कहा कि साजिश में सिंह की भागीदारी से तस्करी कर लाए गए लोगों पर 70 हजार डॉलर का भारी कर्ज चढ़ गया।

मामले में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार, जुलाई 2018 की शुरुआत में सिंह और उनके सह-साजिशकर्ताओं ने कनाडा से सिएटल क्षेत्र में अवैध रूप से सीमा पार करने वाले लोगों को ले जाने के लिए उबर का इस्तेमाल किया था।

उन रिकॉर्डों में विस्तार से बताया गया है कि सुबह के शुरुआती घंटों में सीमा के पास शुरू होने वाली यात्राओं को अलग-अलग सवारी के बीच कैसे विभाजित किया जाता था।

वॉशिंगटन पश्चिमी जिले के अटॉर्नी कार्यालय ने बताया कि उदाहरण के लिए, एक उबर यात्रा सीमा से सी-टैक हवाई अड्डे तक होती थी, और फिर कुछ ही मिनटों बाद दूसरी यात्रा पास के हवाई अड्डे के होटल से लेसी, वाशिंगटन के एक पते तक होती थी, जो सिंह की पत्नी का पता था।

सिंह ने 2018 के मध्य से मई 2022 तक अमेरिका में अवैध रूप से तस्करी करके लाए गए भारतीय नागरिकों के परिवहन से संबंधित 600 से अधिक यात्राओं की व्यवस्था की।

एक बार जब गैर-नागरिकों को अमेरिका में तस्करी कर लाया गया, तो सिंह ने अन्य सह-साजिशकर्ताओं के साथ समन्वय किया, जो किराये पर एकतरफा वाहन का उपयोग करके, इन व्यक्तियों को वाशिंगटन प्रांत के बाहर उनके अंतिम गंतव्यों तक पहुंचाते थे।

सिंह और उनके सह-षड्यंत्रकारियों ने संगठन की काली आय को सफेद बनाने के लिए परिष्कृत तरीकों का इस्तेमाल किया।

अटॉर्नी कार्यालय ने एक बयान में कहा कि तस्करी योजना कम से कम 2018 से चल रही है। महामारी के दौरान यह धीमी हो गई जब कनाडा गैर-नागरिकों को प्रवेश नहीं दे रहा था, लेकिन महामारी प्रतिबंध हटने के बाद इसमें तेजी आई।

कुल मिलाकर, जांच का अनुमान है कि जुलाई 2018 और अप्रैल 2022 के बीच इस तस्करी गिरोह से जुड़े 17 उबर खातों के जरिए 80,000 डॉलर से अधिक खर्च किए गए।

कैलिफ़ोर्निया के एल्क ग्रोव में उनके एक घर की तलाशी के दौरान, जांचकर्ताओं को लगभग 45,000 डॉलर नकद और साथ ही नकली पहचान वाले दस्तावेज़ मिले।

उबर से भारतीयों को अमेरिका में अवैध प्रवेश दिलाने वाले भारतीय-अमेरिकी को जेल (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)
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सिंह ने अपने आवासों की तलाशी के दौरान जब्त की गई नकदी और अन्य निजी संपत्ति को जब्त करने पर सहमति व्यक्त की है। साथ ही पांच लाख डॉलर का नकद जुर्माना भी लगाया गया है।

अटॉर्नी गोर्मन ने कहा, "यह आचरण न केवल हमारे देश के लिए एक सुरक्षा जोखिम था, बल्कि इसने भारत से अमेरिका तक कई हफ्तों तक चलने वाले तस्करी मार्ग के दौरान तस्करी कर लाए गए लोगों की भी सुरक्षा जोखिम में डाल दिया।"

अटॉर्नी कार्यालय के अनुसार, सिंह कानूनी रूप से अमेरिका में मौजूद नहीं हैं और संभवत: जेल की सजा के बाद उन्हें निर्वासित कर दिया जाएगा। (IANS/PS)

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