भारतीय व अमेरिकी नौसैनिकों के बीच संयुक्त नौसैनिक अभ्यास 'साल्वेक्स'

भारतीय(Indian) व अमेरिकी(American) सैनिकों ने एक संयुक्त अभ्यास पूरा किया है। दोनों देशों की सेनाओं द्वारा यह 10 दिवसीय अभ्यास गुरुवार 6 जुलाई को भारत में पूरा हुआ। भारत व अमेरिकी नौसेनाओ के एस अभ्यास को 'साल्वेक्स' नाम दिया गया है। भारतीय नौसेना व अमेरिकी नौसेना का यह बचाव और विस्फोटक आयुध निपटान (ईओडी) अभ्यास, 'साल्वेक्स' 26 जून- 06 जुलाई 2023 तक कोच्चि में आयोजित किया गया। दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह अभ्यास का सातवां संस्करण है।
भारतीय(Indian) व अमेरिकी(American) सैनिकों ने एक संयुक्त अभ्यास पूरा किया है। (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)
भारतीय(Indian) व अमेरिकी(American) सैनिकों ने एक संयुक्त अभ्यास पूरा किया है। (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)

भारतीय(Indian) व अमेरिकी(American) सैनिकों ने एक संयुक्त अभ्यास पूरा किया है। दोनों देशों की सेनाओं द्वारा यह 10 दिवसीय अभ्यास गुरुवार 6 जुलाई को भारत में पूरा हुआ। भारत व अमेरिकी नौसेनाओ के एस अभ्यास को 'साल्वेक्स' नाम दिया गया है। भारतीय नौसेना व अमेरिकी नौसेना का यह बचाव और विस्फोटक आयुध निपटान (ईओडी) अभ्यास, 'साल्वेक्स' 26 जून- 06 जुलाई 2023 तक कोच्चि में आयोजित किया गया। दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह अभ्यास का सातवां संस्करण है।

भारतीय(Indian) व अमेरिकी(American) सैनिकों ने एक संयुक्त अभ्यास पूरा किया है। (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)
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भारतीय नौसेना यानी आईएन और अमेरिकी नौसेना (यूएसएन) 2005 से संयुक्त बचाव और ईओडी अभ्यास में भाग ले रहे हैं। इस अभ्यास में दोनों नौसेनाओं की भागीदारी देखी गई। भारत और अमेरिकी नौसेना ओं के इस अभ्यास में विशेषज्ञ गोताखोरी और ईओडी टीमों के अलावा भारतीय नौसेना का जहाज- आईएनएस निरीक्षक और अमेरिकी शिप यूएसएनएस साल्वर शामिल थे।

भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 10 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में दोनों देशों की गोताखोर टीमों ने समुद्री अनुभव साझा किए। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि दोनों देशों की नौ सेनाओं ने इस संयुक्त अभ्यास के दौरान जमीन के साथ-साथ समुद्र में भी ईओडी संचालन के विभिन्न पहलुओं में बचाव और प्रशिक्षण किया। भारत अमेरिकी नौसैनिक संयुक्त अभ्यास 'साल्वेक्स' ने समुद्री बचाव और ईओडी संचालन में पारस्परिक रूप से सर्वोत्तम प्रणालियों से अंतरसंचालनीयता, सामंजस्य और लाभ बढ़ाने की दिशा में संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास का आयोजन भी किया। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अभ्यास के दौरान परिचालन शर्तों पर रचनात्मक जुड़ाव ने माइंस का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने, मलबे का स्थान और बचाव जैसे कई विविध विषयों में गोताखोरी टीमों के कौशल-सेट को बढ़ाया। (IANS/AK)

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