न्यूज़ग्राम हिन्दी: खुदको आधुनिक देश बताने वाला अमेरिका ( America ) हर दिन गोलियों की गूंज से थर्रा उठता है। हलही में Texas के प्राइमरी स्कूल में हुए गोलीबारी से 21 लोगों की मृत्यु हो गई थी जिसमें 19 छात्र और 3 शिक्षक शामिल थे। पुलिस ने तो हमलावर को मार गिराया लेकिन अमेरिका की सरकार ने केवल शोक जताते हुए इस मामले से पल्ला झाड़ लिया। किन्तु प्रश्न यह उठता है कि आखिर कब तक अमेरिका गन कल्चर ( Gun Culture ) को बढ़ावा देता रहेगा?
अमेरिका जैसे आधुनिक देश में जहां एक तरफ तकनीक का बोलबाला चल रहा है वहीं दूसरी ओर गोलीबारी ( Firing Cases in America ) की घटनाओं ने पूरे विश्व के शांतिप्रिय संगठनों की चिंता को बढ़ा दिया है। हर साल गोलीबारी से जुड़े हजारों घटनाएं सामने आती हैं। इसका पीछे यह कारण है अमेरिका में हथियार रखने का कानून बहुत आसान है, जिस वजह से कोई भी व्यक्ति अपने पास गन जैसा खतरनाक हथियार अपने पास रखता है।
आप इसका अनुमान केवल इस बात से लगा सकते हैं कि सीडीसी के आंकड़ों में सामने आया था कि केवल 2020 में ही फाइरिंग की घटनाओं में 19,000 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई थी। वहीं साल 2019 में अमेरिका में 14,400 हत्या के मामले सामने आए। आंकड़ें के अनुसार 79% हत्याएं केवल बंदूक से हुई थी।
जिस तरह हम सब्जी-फल खरीदते हैं उसी तरह अमेरिका में गन की खरीदारी होती है. इसमें सबसे बड़ा कारण है देश में नस्लवाद के बढ़ते मामले। बता दें कि अमेरिका में 13% आबादी अश्वेतों की है. जिस वजह से अमेरिकी जेलों में 33% के कैदी भी अश्वेत हैं। एक आंकड़े पर ध्यान दें तो साल 2020 में नस्लवाद से जुड़ी हिंसा के 2,871 मामले सामने आए थे, 2019 की तुलना में ये आंकड़ा 49% था।