सर्दियों में बढ़ जाता है अश्वसंचालनासन का महत्व, एक-दो नहीं मिलते हैं कई लाभ

शारीरिक और मानसिक समस्याओं का समाधान योगासन में छिपा है। ऐसे ही एक आसन का नाम है अश्वसंचालनासन, जिसके अभ्यास से कई समस्याओं की छुट्टी की जा सकती है।
अश्वसंचालनासन करते हुए एक महिला योगा करती हुई|
अश्वसंचालनासन करते हुए योगी, सर्दियों में स्वास्थ्य और मानसिक लाभ के लिए|IANS
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सर्दियों का मौसम आते ही जोड़ों में दर्द, पीठ में जकड़न (Tightness) और शरीर में ठंड लगने की शिकायत आम हो जाती है। ऐसे में रोजाना अश्वसंचालनासन के अभ्यास से इन समस्याओं से काफी राहत मिलती है। मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा भी इस आसन को सर्दियों में विशेष रूप से उपयोगी बताता है।

अश्वसंचालनासन (Ashwasanchalanasana) को हाई लंग पोज भी कहते हैं। यह एक ऐसा आसन है जिसमें शरीर घोड़े की तरह आगे-पीछे खिंचता है, इसलिए इसे अश्व (घोड़ा) संचालनासन कहते हैं।

अश्वसंचालनासन करने का तरीका भी सरल है। इसके लिए सबसे पहले वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं। दाहिना पैर आगे की ओर बढ़ाएं और घुटने को 90 डिग्री पर मोड़ें। इस दौरान दोनों हाथ कमर पर रखें या नमस्ते की मुद्रा में सीने के पास लाएं। पीठ एकदम सीधी रखें, नजर सामने की ओर और गहरी सांस लें, छोड़ें। इस मुद्रा में 1 से 2 मिनट तक रहना चाहिए।

अश्वसंचालानासन का यूं तो रोजाना अभ्यास फायदेमंद होता है, लेकिन ठंड के मौसम में यह खास फायदा देता है। यह पीठ के निचले हिस्से और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। घुटनों, टखनों और अकिलिस टेंडन (एड़ी की नस) में लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है। ठंड से जकड़े हुए जोड़ खुलते हैं और दर्द में राहत मिलती है। शरीर का संतुलन बेहतर होता है।

रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है, कमर दर्द (Back Pain) दूर होता है। शरीर का स्वाधिष्ठान चक्र सक्रिय होता है, जिससे शरीर में गर्मी और ऊर्जा बढ़ती है। तनाव भी कम होता है।

योग एक्सपर्ट बताते हैं कि इस आसन का अभ्यास सुबह खाली पेट करना चाहिए। यह आसन करने से सर्दी के मौसम में शरीर गर्म रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। हालांकि, प्रेग्नेंट महिलाओं और घुटनों में गंभीर समस्या वाले लोगों को डॉक्टर या योग ट्रेनर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

[AK]

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