सर्दियों में रहती है मांसपेशियों की जकड़न और जोड़ों में दर्द तो काली मिर्च का इस तरह करें इस्तेमाल

नई दिल्ली, घर की किचन में मौजूद काली मिर्च का इस्तेमाल खाने में स्वाद को बढ़ाने में होता है। आमतौर पर इसे मसाले के तौर पर देखा जाता है, लेकिन काली मिर्च सिर्फ मसाला नहीं है, ये आयुर्वेदिक औषधि भी है।
काली मिर्च की बीनें, आयुर्वेदिक लाभ के लिए उपयोगी।
सर्दियों में दर्द और जकड़न में राहत के लिए काली मिर्च का इस्तेमाल।IANS
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काली मिर्च (Kali Mirch) शीत ऋतु के मौसम में शरीर को गर्म रखने के अलावा मौसम से होने वाले छोटे संक्रमण से बचाती है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले जान लें कि इसे किसके साथ लेना बेहतर होता है।

काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants), एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial), पाइपेरिन (Piperine) और एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-Inflammatory) गुण होते हैं, जो इसे दवा बनाते हैं। आयुर्वेद में काली मिर्च को मरीच कहा जाता है, जिसमें वात और कफ दोष को संतुलित करने की शक्ति होती है। अगर शरीर में वात और कफ दोष संतुलित रहता है, तो सर्दी से होने वाली परेशानी कम होती है और पाचन दुरुस्त रहता है। काली मिर्च के सेवन से पहले इसकी सेवन विधि को अच्छे से जान लेना चाहिए।

अगर सर्दी और खांसी परेशान कर रही है, तो काली मिर्च को शहद के साथ लेना लाभकारी होता है। इसके लिए 4 से 5 काली मिर्च (Kali Mirch) को पीसकर शहद को हल्का गुनगुना करके लें। इसके सेवन से सूखी व कफ वाली खांसी दोनों में आराम मिलता है और प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

शीत ऋतु में कुछ लोगों के पैर ठंडे रहते हैं और हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं। ऐसे में शरीर को गर्म रखने के लिए अदरक और काली मिर्च का सेवन लाभकारी होता है। इसके लिए अदरक और काली मिर्च का पानी या फिर इसे चाय के साथ ले सकते हैं। ये शरीर को अंदर से गर्माहट देगी और गले में जमा कफ कम करेगा।

तुलसी, काली मिर्च और अदरक का काढ़ा भी शीत ऋतु में राहत देता है। यह वायरल फीवर और जुखाम से राहत देता है। काली मिर्च में मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण बैक्टीरियल संक्रमणों (Bacterial Infections) से लड़ने में मदद करते हैं। इसका सेवन बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक कर सकते हैं।

शीत ऋतु में मांसपेशियों के जकड़न और जोड़ों में दर्द (Joint Pain) की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में काली मिर्च के साथ अगर तिल का तेल गर्म करके दर्द वाली जगह पर लगाया जाए तो आराम मिलता है। ये तेल प्राकृतिक रूप से गर्माहट देता है और सूजन को भी कम करता है।

ठंड़ी हवाओं की वजह से गले में बैक्टीरियल संक्रमण बढ़ जाता है और आवाज कर्कश हो जाती है। ऐसे में काली मिर्च को भूनकर उसका सेवन करने से लाभ मिलेगा। ये टॉन्सिल (Tonsil) की समस्या में भी राहत देता है।

[AK]

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