केरल में Tomato Flu के बाद अब West Nile Virus का आतंक

वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) का पहला मामला 1937 में युगांडा की एक महिला में पाया गया था।
केरल में Tomato Flu के बाद अब West Nile Virus का आतंक
केरल में Tomato Flu के बाद अब West Nile Virus का आतंकWikimedia Commons
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बीते दिनों पूरा केरल टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) से आतंकित था। अभी ये मामला शांत हुआ ही नहीं कि, तब तक वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) फैलने के खबर ने लोगों की नींद उड़ा दी है। इस वायरस से केरल में संक्रमित एक 47 वर्षीय व्यक्ति की मौत की खबर भी सामने आई है।

2019 में इसी वायरस से एक 6 साल के बच्चे की मौत हुई थी। अब तीन साल बाद किसी के मौत का मामला सबके सामने आया है।

समाचार पत्रों में छपी खबरों के अनुसार 17 मई को बुखार और दूसरे लक्षणों के साथ इस व्यक्ति ने कई अस्पतालों में इलाज करवाना शुरू किया। अंततः इन्हें थ्रिसूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया, जहां मौके पर इनकी मृत्यु हो गई।

इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हो गए और विभाग ने सर्वेक्षण के लिए मेडिकल टीम को उस जगह भेज दिया, जहाँ वो व्यक्ति रहता था। यहाँ से लिए गए नमूनों के आधार पर यह बात सामने आई है कि यह वायरस मच्छरों से फैलता है, इसलिए ऐसी जगहों को खत्म किया जाना चाहिए जहां मच्छर पैदा होते हैं।

इस वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मच्छरों को पैदा होने से रोकने की बात कही है। वीना ने ड्रेनेज और जमे हुए पानी को साफ करने के सुझाव के साथ ही आसपास सफाई रखने की भी बात कही।

West Nile Virus पक्षियों से होते हुए मच्छरों तक और मच्छरों से इंसानों तक पहुंचता है
West Nile Virus पक्षियों से होते हुए मच्छरों तक और मच्छरों से इंसानों तक पहुंचता हैWikimedia Commons

कब आया था West Nile Virus का पहला मामला?

अगर डबल्यूएचओ (WHO) की मानें तो वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) का पहला मामला 1937 में आया था। उस समय युगांडा की एक महिला इससे संक्रमित पाई गई थी। अब यह संक्रमण 50 सालों में कई देशों में फैल चुका है।

इसके बाद 1953 उत्तरी मिस्र के नाइल डेल्टा रीजन में कौओं और कबूतरों में इस वायरस की पुष्टि की गई थी। यह वायरस 1997 तक केवल पक्षियों तक ही सीमित था और तब तक यह ज्यादा खतरनाक नहीं था, लेकिन इसके बाद इजरायल में इस वायरस का एक खतरनाक स्ट्रेन सामने आया जिससे पक्षियों की मौत होने लगी।

कैसे फैलता है West Nile Virus?

आमतौर पर स्वास्थ्य विभाग मानता है कि यह वायरस पक्षियों से होते हुए मच्छरों तक और मच्छरों से इंसानों तक पहुंचता है।

ऑर्गन ट्रांसप्लांट, ब्लट ट्रांसफ्यूजन और ब्रेस्ट मिल्क से भी ये वायरस बच्चे में फैल सकता है।

हालांकि बात दें कि इंसान से इंसान में इस संक्रमण के फैलने का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है।

केरल में Tomato Flu के बाद अब West Nile Virus का आतंक
क्या है Tomato Fever का मामला?

क्या हैं West Nile Virus के लक्षण और कैसे हो सकती है इसकी रोकथाम?

WHO के हिसाब से 80 फीसदी से ज्यादा संक्रमितों में नाइल वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, जबकि 20 फीसदी संक्रमित इस फीवर के शिकार हो जाते हैं।

वेस्ट नाइल फीवर (West Nile Fever) से ग्रसित व्यक्ति में तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, कंपकंपी, ऐंठन, मांसपेशियों में कमजोरी और पैरालिसिस जैसे लक्षण देखे गए हैं।

इसका खतरा सबसे ज्यादा 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों और ट्रांसप्लांट करवा चुके लोगों में होता है।

अभी इस वायरस के रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है, पर बुखार होने पर इसका तुरंत इलाज व्यक्ति की जान बचा सकता है।

अपने आसपास सफाई रखें जिससे कि मच्छरों को पनपने का मौका न मिले। इसके अतिरिक्त एनिमल-टू-ह्यूमन ट्रांसमिशन को रोकने के लिए बीमार जानवरों का इलाज करते समय ग्लव्स पहनकर रखें।

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